क्यों है गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर: गुरु की पूजा का पर्व, गुरुपूर्णिमा कल, जानिए इसका महत्व सही तिथि और मुहूर्त

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Published By Anjali Singh
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अमृत विचारः गुरु अथार्त वह महापुरुष जो आध्यात्मिक ज्ञान और शिक्षा के द्वारा अपने शिष्यों का मार्गदर्शन करते हैं। गुरु के सम्मान के प्रति मनाने वाला पर्व गुरुपूर्णिमा 10 जुलाई को है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं। अबकी बार गुरु पूर्णिमा गुरुवार को होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धनु राशि में रहेंगे। इस दिन इंद्र योग और वैधृति योग का शुभ संयोग बन रहा है। 

ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को वेद व्यास के जन्म दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जुलाई प्रात: 1:40 बजे और समापन 11 जुलाई प्रात: 2:08 बजे होगा। वेद व्यास के पिता ऋषि पराशर और माता सत्यवती थी। इस दिन वेद व्यास, शंकराचार्य, ब्रहमा जी की विशेष पूजा की जाती है।

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