हाईकोर्ट का फैसला: नगरपालिका की दुकानों पर रहने वाले 23 लोगों को मिली राहत
बिना कानूनी प्रक्रिया के नहीं होगी बेदखली
रामपुर/टांडा, अमृत विचार: हाईकोर्ट ने नगरपालिका की दुकानों पर निवास कर रहे 23 लोगों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इन लोगों को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के बेदखल नहीं किया जा सकता।
17 दिन पहले सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग ने नगर पालिका परिषद टांडा को एक नोटिस जारी किया था। नोटिस में भूमि को सरकारी बताते हुए एक सप्ताह के भीतर खाली करने को कहा गया था। नोटिस में चेतावनी दी गई थी कि ऐसा न करने पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परिसर अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही शुरू की जाएगी। नोटिस से चिंतित होकर 23 लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
याचिकाकर्ताओं का दावा था कि उन्हें ये दुकानें नगर पालिका परिषद टांडा द्वारा ही किराए पर आवंटित की गई थीं। आवंटन का पट्टा भी उनके पास मौजूद है। इस पर हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विवादित नोटिस केवल मामले को सुलझाने के लिए दिया गया है। यह बेदखली का नोटिस नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नोटिस याचिकाकर्ताओं को नहीं बल्कि केवल नगर पालिका परिषद को जारी किया गया है। कोर्ट ने माना है कि इस नोटिस के आधार पर बेदखल किए जाने के बारे में याचिकाकर्ताओं की आशंका निराधार है। हालांकि कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, लेकिन स्पष्ट आदेश दिया कि याचिकाकर्ताओं को उक्त नोटिस के आधार पर तब तक बेदखल नहीं किया जाएगा जब तक कि उनके विरुद्ध वैध कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की जाती।
