मोदी कैबिनेट ने राजस्थान को दी बड़ी सौगात, कोटा-बूंदी में 1,507 करोड़ की लगात से बनेगा नया Airport

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। राजस्थान के कोटा-बूंदी में 1,507 करोड़ रुपये की लागत से नया हवाई अड्डा बनाया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इससे संबंधित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद यहां मीडिया को बताया कि कोटा राजस्थान का एक बड़ा औद्योगिक एवं शैक्षणिक हब है, जो महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग पर स्थित है। कोटा शहर में मौजूदा हवाई अड्डा सिर्फ छोटे विमानों के परिचालन के लिए बना है। इसलिए शहर से पास ही कोटा-बूंदी में नये हवाई अड्डे का निर्माण कर बढ़ती जरूरत को पूरा किया जायेगा, जहां ए321 जैसे विमान भी उतर सकेंगे।

इस हवाई अड्डे के निर्माण का पूरा खर्च एएआई वहन करेगा और यह दो साल में बनकर तैयार होगा। इसका टर्मिलन भवन 20 हजार वर्ग मीटर में फैला होगा, जिसकी सालाना क्षमता 10 लाख यात्रियों की होगी। व्यस्ततम समय में यह 1,000 यात्रियों के आवाजाही के लिए भी सक्षम होगा। हवाई अड्डे के लिए 1,089 एकड़ जमीन राजस्थान सरकार ने उपलब्ध करायी है। रनवे की लंबाई 3,200 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। एप्रन पर सात पार्किंग-बे होंगे, जिनमें ए-321 जैसे विमान खड़े हो सकेंगे। 

इसमें दो लिंक टैक्सी-वे, एटीसी एवं तकनीकी ब्लॉक, एक अग्निशमन केंद्र और कार पार्किंग की सुविधा होगी। कोटा में मौजूदा हवाई अड्डा पर रनवे की लंबाई 1,220 मीटर और चौड़ाई 38 मीटर है। यहां सिर्फ कोड-बी जैसे छोटे विमान उतर सकते हैं। टर्मिनल भवन व्यस्ततम समय में 50 यात्रियों की आवाजाही के लिए बना है।

ओड़िशा में 8300 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी हरित राजमार्ग

 केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ओड़िशा में करीब साढे आठ हजार करोड़ रुपये की लागत से छह लेन के राजधानी क्षेत्र रिंग रोड (भुवनेश्वर बाईपास - 110.875 किमी) के निर्माण को मंगलवार को मंजूरी दे दी जिससे खोरधा, भुवनेश्वर और कटक जैसे शहरी क्षेत्रों में भीड़-भाड़ में कमी आयेगी। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस आश्य के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। उन्होंने कहा कि इस कॉरिडोर को ग्रीनफील्ड राजमार्ग के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है और मिली-जुली व्यवस्था के तहत बनाये जाने वाले इस राजमार्ग के निर्माण पर 8307.74 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। 

 

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