CSJMU: शोध, नवाचार और विकास की नई उड़ान से बनाई ग्लोबल पहचान
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) देश के उन अग्रणी विश्वविद्यालयों में है, जो शोध, नवाचार और बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। विश्वविद्यालय छात्रों को पारंपरिक शिक्षा से आगे बढ़कर भविष्य की चुनौतियों के लिए सक्षम बना रहा है, और इनोवेशन, रिसर्च तथा सामाजिक जिम्मेदारी का केंद्र बन चुका है। शिक्षा की गुणवत्ता, रिसर्च कार्य और नए कोर्सों ने इसे न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत में पहचान दिलाई है। हाल के वर्षों में विश्वविद्यालय ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे इसे भविष्य की ग्लोबल एजुकेशन की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार कर रही हैं।
यूजीसी के शोधगंगा पोर्टल पर देश में दूसरा स्थान
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के शोधगंगा पोर्टल पर सीएसजेएमयू ने शानदार प्रदर्शन किया है। देश के 840 विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा अपलोड की गई लगभग 6.20 लाख थीसिस में से सीएसजेएमयू ने 10,279 शोध कार्य अपलोड करके देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। यह उपलब्धि सीएसजेएमयू की रिसर्च कैपेसिटी और क्वालिटी का प्रमाण है।
इनोवेशन, तकनीक, स्वास्थ्य और भाषा के क्षेत्र में करियर बेस्ड कोर्स
सीएसजेएमयू ने 2025-26 शैक्षिक सत्र में कई नए और उन्नत पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है। इन पाठ्यक्रमों से छात्रों को अपनी रुचि और करियर के अनुसार नई दिशा मिलेगी। बेसिक विज्ञान विभाग में कुछ नए एमएससी कोर्स जैसे गणित में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान में स्थिरता और शासन, रसायन विज्ञान में सुगंध और स्वाद विज्ञान, और भूगोल में जीआईएस और रिमोट सेंसिंग छात्रों को उन्नत तकनीक और अनुसंधान से जोड़ेंगे। इसके साथ ही, वैदिक गणित जैसे प्रमाणपत्र कोर्स भी उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य विज्ञान विभाग में ऑपरेशन थिएटर तकनीक, ऑप्टोमेट्री, और चिकित्सा रेडियोलॉजी और इमेजिंग तकनीक जैसे पाठ्यक्रम छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा देंगे। बीएससी और एमए क्लिनिकल मनोविज्ञान भी यहां उपलब्ध है, जो मानसिक स्वास्थ्य में करियर बनाने का मौका देते हैं। भाषा और शिक्षा विभाग में स्पेनिश, मंदारिन, जैन दर्शन, प्राकृत और शिक्षक शिक्षा में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम और डिजिगोगी जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। विधि विभाग में एलएलएम (1 वर्ष) का पाठ्यक्रम भी उपलब्ध है। इसके अलावा, आईआईटी कानपुर के सहयोग से साइबर सुरक्षा व्यावसायिक कोर्स ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया गया है। ये पाठ्यक्रम छात्रों को तकनीकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, और भाषा के क्षेत्र में नए और बेहतर करियर अवसर प्रदान करेंगे।
एल्युमनी हैं उत्कृष्टता की धरोहर
सीएसजेएमयू देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कई प्रमुख व्यक्तित्व का शिल्पकार है। इनमें से एक हैं राम नाथ कोविंद, जो भारत के 14वें राष्ट्रपति बने। उनका सरल जीवन और संघर्षपूर्ण यात्रा विश्वविद्यालय की नीतियों और नेतृत्व के मार्गदर्शन को दर्शाता है। पूर्व प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी भी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं। ये विभूतियां न केवल प्रेरणा स्रोत हैं, बल्कि सीएसजेएमयू की गुणवत्ता और राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक भी हैं।
उद्योग और रक्षा क्षेत्र से सहयोग
विश्वविद्यालय ने शोध और तकनीक के क्षेत्र में कई उद्योगों और रक्षा संबंधी संस्थानों के साथ हाथ मिलाया है। हाल ही में त्रिपाठी एयरोटेक के साथ ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक पर काम करने के लिए एमओयू साइन किया गया। इसके अलावा आईआईटी कानपुर के साथ साइबर सुरक्षा कोर्स की शुरुआत विश्वविद्यालय की बड़ी पहल है। यह कदम छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के साथ स्टार्टअप और इनोवेशन की दिशा में प्रेरित करेगा।
पेटेंट और स्टार्टअप इकोसिस्टम
सीएसजेएमयू ने अब तक 300 से अधिक पेटेंट दर्ज कराए हैं। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के शोधार्थियों और शिक्षकों के नवाचार की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को दर्शाती है। कैंपस में तेजी से विकसित हो रहा स्टार्टअप इकोसिस्टम छात्रों को उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित कर रहा है। आने वाले समय में यह इकोसिस्टम कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार और विकास का नया केंद्र बनने की क्षमता रखता है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और पहचान
विश्वविद्यालय लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ा रहा है। हाल ही में आयोजित ग्लोबल बिज़नेस समिट और अमेरिका की लुइसविल यूनिवर्सिटी के व्याख्यानों ने छात्रों को वैश्विक दृष्टिकोण दिया। विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ रही है और अनेक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू के जरिए शोध व अध्ययन के साथ विश्वविद्यालय रोजगार के नए अवसर बना रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक पहल
सीएसजेएमयू न केवल शिक्षा और शोध बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर भी जोर दे रहा है। परिसर में आधुनिक स्टेडियम, नया हॉस्टल, जिम और अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ तैयार की गई हैं। विश्वविद्यालय ने 17,500 से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य किया है।
44 – कोर्स हैं संचालित
7653- सीटों पर प्रवेश
विश्वविद्यालय में संचालित स्कूल
अटल बिहारी बाजपेई स्कल ऑफ लीगल स्टडी
स्कूल्स ऑफ एडवांस एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नलाजी
स्कूल ऑफ बेसिक साइंस
स्कूल ऑफ आर्टस, ह्यूमनिटीज एंड सोशल साइंस
स्कूल ऑफ क्रिएटिव एंड परफार्मिंग आर्टस
स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट
स्कूल ऑफ हेल्थ साइंस
स्कूल ऑफ होटल मैनेजेंमेंट
स्कूल ऑफ लैंग्वेज
स्कूल आफ लाइफ साइंस बायोटेक्नॉलोजी
स्कूल आफ फार्मास्युटिकल साइंस
स्कूल ऑफ टीचर एजुकेशन
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