Sunflower Surprise: भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंधों ने पूरे किए 60 साल, भारतीय सभ्यता और प्रदर्शनी लगाकर किया गया सेलिब्रेट 

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Published By Anjali Singh
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सिंगापुर। भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सूरजमुखी की एक प्रदर्शनी का आरंभ बुधवार को यहां एक शहरी पार्क में किया गया। सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त डॉ. शिल्पक अंबुले ने मरिना जलाशय के पास स्थित 105 हेक्टेयर में फैले ‘गार्डन्स बाय द बे’ में सूरजमुखी की 20 किस्में प्रस्तुत कीं। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आज हम प्रकृति के सबसे हर्षित और ऐतिहासिक फूलों में से एक सूरजमुखी का उत्सव मना रहे हैं। 

‘सनफ्लावर सरप्राइज’ प्रदर्शनी में हम सूरजमुखी की विभिन्न प्रजातियों का एक जीवंत प्रदर्शन देख रहे हैं, जिन्हें स्नेहपूर्वक उगाया गया है और कलात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।” इस भव्य प्रदर्शनी में जयपुर की ऐतिहासिक इमारतों के मॉडल भी प्रदर्शित किए गए। अंबुले ने कहा, ‘‘हर सूरजमुखी की किस्म अपनी अलग कहानी बयां करती है- रंग, दृढ़ता और आनंद की कहानी।’’ कार्यक्रम में सिंगापुर की मंत्री इंद्रनी राजा मुख्य अतिथि रहीं और करीब 100 लोगों ने इसमें भाग लिया। 

सिंगापुर में राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के तहत आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला की जानकारी देते हुए अंबुले ने बताया, ‘‘इस वर्ष हमने कई महत्वपूर्ण आयोजन किए हैं जैसे भारतीय फिल्म महोत्सव, बिरयानी महोत्सव, भारतीय थिएटर महोत्सव आदि।’’ इस साल जनवरी में सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम ने भारत की यात्रा की थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने पिछले महीने भारत की यात्रा की। 

‘स्प्लेंडर ऑफ इंडिया’ नामक इस प्रदर्शनी में 3,000 सूरजमुखी प्रदर्शित किए गए हैं। प्रदर्शनी में हवा महल की पांच मीटर ऊंची और 10 मीटर चौड़ी प्रतिकृति, आमेर की बावड़ी (16वीं सदी में वर्षा जल संग्रहण के लिए निर्मित) और पत्रिका गेट का मॉडल भी शामिल है, जो राजस्थान की स्थापत्य कला और संस्कृति को अपने सूक्ष्म नक्काशी और रंगीन चित्रों के माध्यम से दर्शाता है। 

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