उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में इस बार टूटा रिकॉर्ड: 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किये दर्शन, समापन तक बढ़ेगा आकड़ा 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
On

देहरादून। इस साल मानसून में आपदाओं के कहर से बार-बार प्रभावित होने के बावजूद  उत्तराखंड चारधाम यात्रा  ,   50 लाख के पार  ,  तीर्थयात्रियों की संख्या   ,    उत्तराखंड पर्यटन विभाग  , बदरीनाथ तथा हेमकुंड साहिब ,   श्रद्धालु दर्शन  ,  देहरादून समाचार  ,  उत्तराखंड  समाचार की चारधाम यात्रा में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 50 लाख के पार चली गयी। उत्तराखंड पर्यटन विभाग से मिले ताजा आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार शाम सात बजे तक उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में चार धामों—गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ तथा हेमकुंड साहिब में कुल मिलाकर 50,12,970 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके थे। 

पिछले साल पूरे यात्रा सीजन में 48,04,215 लाख से अधिक श्रद्धालु चार धामों और हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए आये थे। हांलांकि, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ धामों और हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं लेकिन बदरीनाथ के कपाट 25 नवंबर को बंद होने हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि चारधाम यात्रा के समापन तक यह आंकड़ा 52 लाख तक पहुंच सकता है। 

पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बदरीनाथ की यात्रा अभी 28 दिन और चलनी है तथा हर दिन यहां आ रहे औसतन पांच से छह हजार श्रद्धालुओं को देखते हुए यह आंकड़ा 52 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।’’ कोविड महामारी से पहले 2019 में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में कुल 34.80 लाख श्रद्धालुओं की आमद दर्ज की गयी थी जो कोविड के दौरान लगे प्रतिबंधों के चलते 2020 में 2.39 लाख तक सिमट गयी। 

अगले साल 2021 में भी अप्रैल से अगस्त तक पांच माह यात्रा ठप रही और केवल 5.48 लाख श्रद्धालु आए। वर्ष 2022 में चारधाम यात्रा में उछाल आया और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 46.27 लाख पहुंच गयी और 2023 में यह आंकड़ा रिकॉर्ड 56.18 लाख पर पहुंच गया। अधिकारी ने कहा कि अगर इस बार इतनी आपदाएं नहीं आतीं तो इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकॉर्ड स्थापित करती। 

पांच अगस्त को आयी धराली आपदा के बाद इस पर्वतीय प्रदेश में कई जगह खास तौर से गढ़वाल क्षेत्र में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन ने जमकर विनाशलीला मचाई। अगस्त और सितंबर में 40 दिनों के अंतराल में धराली, स्यानाचट्टी, थराली समेत कई जगहों पर आपदा के कारण चारधाम यात्रा लगभग पटरी से उतरी ही रही जबकि सितंबर के पहले सप्ताह में खराब मौसम की चेतावनी के कारण यात्रा चार दिनों तक स्थगित रखी गयी। 

ये भी पढ़े : 

उत्तराखंड के पिरुली से होगा कोलन कैंसर का उपचार, हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है झाड़ीनुमा पौधा

 

संबंधित समाचार