Kartik Purnima 2025: कार्तिक माह की पूर्णिमा कब है? पढ़ें ब्रह्म मुहूर्त में कार्तिक पूर्णिमा स्नान कल्पवास

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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अयोध्या, अमृत विचार : पवित्र पावन नगरी अयोध्या में कार्तिक मास के प्रारंभ होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां कल्पवास करते हैं। एक महीने कल्पवास के बाद रामलला के जन्म स्थान की परिक्रमा व कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सरयू नदी में स्नान दान के साथ इस कल्पवास का समापन होता है। ज्योतिषाचार्य करुणा निधान ने बताया कि हिंदी पंचांग के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 4 नवंबर को रात 10:36 से प्रारंभ हो जायेगा और 5 नवंबर को शाम 6:48 तक रहेगा। 

इसलिए उदया तिथि के आधार पर कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर को मनाई जाएगी। सरयू नदी में स्नान और दान करने का सबसे शुभ मुहूर्त 4:52 मिनट से 5:44 तक है। कहा कि शाम को प्रदोष काल में पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 5:15 से 7:05 तक रहेगा। इस समय दीपदान भी किया जाता है।

महंत सत्येंद्र दास वेदांती ने कहा कि हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू नदी में स्नान, दीपदान, दान,भगवान की पूजा, आरती, हवन आदि का बहुत महत्व है। इस दिन किसी भी धार्मिक कार्य का सौ गुना फल प्राप्त होता है। कहा कि पूर्णिमा का अर्थ होता है कि सभी तरीकों के व्रत तप का पूर्ण होना। इसीलिए श्रद्धालु कार्तिक भर अयोध्या में रह करके कल्पवास करते हैं। पूर्णिमा स्नान से सभी तरीके के व्रत की पूर्णाहुति होती है।

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