UP News: छह शैक्षणिक संस्थान की मदद से बनेगा GPDP प्लान... जरूरतों को पूरा कर मॉडल बनेंगे ग्राम, हर जिले की 10 ग्राम पंचायत चयनित

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: पंचायती राज विभाग ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों को शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से मॉडल बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इस कवायद में शामिल लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, डॉ. बीआर आम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस व डॉ. भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा के पीएचडी स्कॉलर ग्राम सचिवों के साथ क्षेत्रों में जाकर वार्षिक ग्राम पंचायत विकास योजना बनाने में लगे हैं। 31 जनवरी तक प्लान तैयार करके अपलोड किया जाएगा।

विभाग ने पहले चरण में सभी 75 जिलों की 10-10 ग्राम पंचायतें वार्षिक योजना बनाने के लिए चयनित की हैं। पीएचडी स्कॉलर गांव में शोध करके ग्रामीणों की जरूरतों को समझकर प्लान में शामिल करेंगे, जो विकास कार्यों के लिए बेहद जरूरी होगा। इसके अलावा बजट के हिसाब से जो कार्य नहीं होते हैं, उन पर विशेष फोकस रहेगा।

क्योंकि विभाग द्वारा जो विकास की योजना बनाई जाती है, उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य ज्यादा होता है। गांव में किन चीजों की जरूरतें हैं, उनकी जानकारी कर प्लान में दर्शाया जाएगा और आने वाले वित्तीय वर्ष में वही कार्य कराए जाएंगे। ताकि अच्छे से अच्छा कार्य कराकर ग्रामों को मॉडल बनाया जा सके। पहले चरण में कुल 1.50 करोड़ रुपये बजट प्रस्तावित किया गया है। इसमें प्रति ग्राम पंचायत पर 20 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे।

वार्षिक योजना में शामिल मुख्य कार्य

- तकनीकी, प्रबंधन, योजना निर्माण संबंधी सहायता देना
- निर्माण में गुणवत्ता एवं सहभागी दृष्टिकोण तय करना
- ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और सचिवों का क्षमता विकास
- स्थिति विश्लेषण एवं आवश्यकता मूल्यांकन, सर्वे, बैठक आदि
- ग्राम सभाओं और योजना बैठक की सुविधा, मॉनिटरिंग एवं प्रगति रिपोर्टिंग

विश्वविद्यालय को इतने जिले आवंटित

- लखनऊ विश्वविद्यालय - 13 जिले
- डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी - 12 जिले

- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी - 12 जिले
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी - 13 जिले

- डॉ. बीआर आम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस - 12 जिले
- डॉ. भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा - 13 जिले

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