इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब 8 दिसंबर को होगी ज्ञानवापी वजूखाना सर्वेक्षण मामले की सुनवाई
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग से जुड़ी राखी सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर मंगलवार को सुनवाई प्रस्तावित थी, परंतु न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकलपीठ ने सुनवाई स्थगित करते हुए अब अगली तारीख 8 दिसंबर 2025 निर्धारित की है।
सुनवाई टलने का कारण यह बताया गया कि उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 की वैधता से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है और सर्वोच्च न्यायालय का अंतरिम आदेश अब भी प्रभावी है, जिसके तहत किसी भी अदालत को सर्वेक्षण संबंधी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोका गया है।
मामले के पक्षकारों ने हाईकोर्ट को अवगत कराया कि इस मामले पर 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिसके मद्देनज़र हाईकोर्ट ने अगली तिथि 8 दिसंबर तय की। वर्तमान मामला 21 अक्टूबर 2023 को वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश से संबंधित है, जिसे श्रृंगार गौरी मामले की पक्षकार राखी सिंह ने चुनौती दी है।
याचिका में वजूखाना क्षेत्र का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग की गई है। इसमें अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को विपक्षी बनाया गया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि वजूखाने में मौजूद आकृति शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष उसे फव्वारा बताता है।
कथित शिवलिंग मिलने के बाद प्रशासन ने दो वर्ष पूर्व वजूखाना क्षेत्र को सील कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि देश की किसी भी अदालत को ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे यथास्थिति प्रभावित हो। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर सुनवाई स्थगित कर दी।
