कानपुर : एक्सपोर्ट ऑर्डर से पटरी पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, जीएसटी के परिवर्तन से भी पड़ा असर

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Published By Deepak Mishra
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टैरिफ के बाद के हालातों से 40 फीसदी की गिरावट हुई थी दर्ज

कानपुर, अमृत विचार। टैरिफ के बाद आधी क्षमता से चल रही शहर की मैन्युफैक्चरिंग युनिट्स में तेजी आ गई हैं। होल्ड हुए ऑर्डर रिलीज होने और नए एक्सपोर्ट ऑर्डर से युनिट्स में प्रोडक्शन लगभग 30 फीसदी बढोत्तरी कर गया है। विशेषज्ञ नए विदेशी ऑर्डर के साथ ही जीएसटी के रेट में परिवर्तन भी इसकी वजह मान रहे हैं। माना जा रहा है कि फरवरी तक इस सेक्टर में और अधिक तेजी देखने को मिल सकती है।  शहर में लगभग 10 हजार से अधिक मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां हैं। 

इनमें 20 फीसदी इकाइयां सीधेतौर पर निर्यात से जुड़ी हुई हैं। 60 फीसदी इकाइयां ऐसी हैं जो उत्पाद के विभिन्न हिस्सों से जुड़ी हुई हैं। ऐसी स्थिति में टैरिफ लागू होने के बाद सबसे अधिक प्रभावित ऐसी इकाइयां हुई थी जो सीधेतौर पर निर्यात कारोबार से जुड़ी थी। उधर टैरिफ के बाद उसका असर डोमेस्टिक मार्केट में  भी पड़ने की वजह से शहर की भी मैन्युफैक्चरिंग युनिट्स धीमी गति से चल रही थी। यहां तक कि कई युनिट्स ऐसी भी जहां पर कुछ समय के लिए प्रोडक्शन पूरी तरह से बंद हो गया था। हालात हय हो गए थे कि स्टॉक में जमा माल भी विदेशी बाजार में उताना मुश्किल हो रहा था। 

फिलहाल नया वैश्विक बाजार मिलने से मैन्युफैक्चरिंग युनिट्स दोबारा गुलजार होने की शुरुआत कर चुकी है। उधर टैरिफ के बाद जीएसटी के रेट में बदलाव होने से भी उत्पादन में तेजी विशेषज्ञ भांप रहे हैं। उनका कहना है कि ऐन त्योहारों के पहले सरकार की ओर से लिए गए इस निर्णय का असर तेजी से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर भी पड़ा है। 

स्वदेशी बाजार में जीएसटी के रेट कम होने का लाभ खरीदारों ने उठाया। जिससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी उठाल देखने को मिला। पूरे मामले पर फीटा के महासचिव उमंग अग्रवाल ने कहा कि टैरिफ से प्रभावित बाजार अब सुधर रहा है। जीएसटी के रेट में परिवर्तन इसे और अधिक गति प्रदान की है। शहर का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान करता है। सेक्टर के बढ़ने से रोजगार पर आ रहा संकट दूर हो रहा है।

कामगारों की संख्या बढ़ी

शहर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आने से युवाओं के रोजगार पर आने वाले संकट भी कम हो गया है। टैरिफ लागू होने के बाद सबसे बड़ा संकट रोजगार पर ही बताया जा रहा था। फिलहाल युनिट्स के पास ऑर्डर होने से संक्ट कम होने का विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं। इसके अलावा शहर में कई नई युनिट्स भी शुरु हुई हैं। इन युनिट्स में भी नए रोजगार बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

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