नैनीताल के डीएसबी से बनें, फॉरेंसिक साइंस में एक्सपर्ट
विज्ञाान से अपराधों की गुत्थियां सुलझाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए सुखद अवसर है और सरोवर नगरी में प्राकृतिक सुंदरता के बीच यह मौका और भी सुनहरा हो जाता है। नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी कैंपस में अब मास्टर ऑफ फॉरेंसिक साइंस कोर्स संचालित होना शुरू हो गया। यह उत्तराखंड का एकमात्र सरकारी कॉलेज है, जहां यह विशेष कोर्स उपलब्ध है।
फॉरेंसिक साइंस आज के दौर में अपराध जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। चोरी, हत्या से लेकर साइबर अपराध और आतंकवाद जैसे जटिल मामलों में सबूत जुटाने और वैज्ञाानिक विश्लेषण करने के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञाों की अहम भूमिका होती है। यही कारण है कि पुलिस विभाग, सीबीआई, एनआईए, एफएसएल और न्यायिक जांच एजेंसियों में फॉरेंसिक विशेषज्ञाों की मांग तेजी से बढ़ रही है। गौरव जोशी , नैनीताल
आधुनिक लैब और प्रैक्टिकल लर्निंग का अवसर
डीएसबी परिसर के फॉरेंसिक साइंस विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नगमा परवीन के अनुसार यह राज्य का इकलौता सरकारी संस्थान है, जहां दो साल का पीजी डिग्री कोर्स संचालित होता है। विभाग को बायोमेडिकल डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर महेंद्र राणा के निर्देशन में चलाया जा रहा है। दो वर्षीय यह मास्टर प्रोग्राम छात्रों को अत्याधुनिक लैब, आधुनिक उपकरणों और अनुभवी शिक्षकों के मार्गदर्शन में प्रायोगिक शिक्षा का अवसर प्रदान करता है। यहां छात्रों को अपराध स्थलों से सबूतों का वैज्ञानिक विश्लेषण, डीएनए प्रोफाइलिंग, फिंगरप्रिंट एनालिसिस, टॉक्सिकोलॉजी, साइबर फॉरेंसिक और क्राइम सीन रिकंस्ट्रक्शन जैसी महत्वपूर्ण विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाता है। कोर्स की सबसे खास बात इसकी सुलभ फीस है। छात्रों को 25,000 रुपये प्रति सेमेस्टर में उच्च स्तरीय शिक्षा और लैब अनुभव का अवसर मिलता है। एक साल में दो सेमेस्टर यानी कुल चार सेमेस्टर हैं।
कैसे करें आवेदन
कुमाऊं विश्वविद्यालय में आवेदन के इच्छुक छात्र समर्थ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जुलाई में एडमिशन शुरू होते हैं। पढ़ाई ऑफलाइन ही होगी और दूसरे राज्यों के विद्यार्थी निजी हॉस्टल या पीजी में रह सकते हैं। डीन प्रो. महेंद्र राणा के अनुसार, नैनीताल से करीब 12 किलोमीटर दूर पर्यटन स्थल पटवाडांगर में जल्द ही नया कैंपस खुल रहा है, जहां यूजी कोर्स भी शुरू होगा।
यहां बना सकते हैं करियर
कम लागत में कॅरियर के नए अवसरों के द्वार खुलने से यह कोर्स युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है। फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र सरकारी और निजी फॉरेंसिक लैब्स, पुलिस विभाग, जांच एजेंसियों, न्यायालय और रिसर्च सेंटर्स में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा वे एक्सपर्ट विटनेस या कंसल्टेंट के रूप में भी कॅरियर बना सकते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार यह कोर्स न केवल युवाओं के करियर को नई दिशा देता है, बल्कि उन्हें अपराध जांच की वैज्ञानिक दुनिया में योगदान करने का गौरव भी प्रदान करता है।
