बड़ा धमाका! 7,172 करोड़ के निवेश को मिली हरी झंडी, भारत बनेगा हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स का ग्लोबल हब
नई दिल्ली। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) के तहत छह श्रेणियों में करीब 7,172 करोड़ रुपये के निवेश वाली 17 परियोजनाओं को सोमवार को मंजूरी दे दी। यह मंजूरी भारत के उच्च मूल्य वाले घटकों के उत्पादन के प्रति संकल्प और निर्णायक प्रयास को रेखांकित करती है। इन परियोजनाओं से कुल मिलाकर 65,111 करोड़ रुपये का उत्पादन होगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंजूरी की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आपने भारत को एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण केंद्र बनने का रास्ता दिखाया है।’’ उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक सफलता हासिल करने के लिए भारत को ‘डिजाइन टीम’ बनाने, सभी उत्पादों में ‘छह सिग्मा’ गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने और परियोजनाओं में ‘‘स्वदेशी’’ आपूर्तिकर्ताओं के साथ साझेदारी करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
मंत्री ने बताया कि गुणवत्ता प्रणालियां मूल्यांकन प्रक्रिया का प्रमुख हिस्सा होंगी। वैष्णव ने कहा, ‘‘जिस तरह से भू-राजनीति एवं भू-अर्थशास्त्र उभर रहा है, चुनौतियां और भी बड़ी होंगी और उस चुनौतीपूर्ण दौर में आपूर्ति श्रृंखला पर अच्छा नियंत्रण रखने की आपकी क्षमता ही आपकी मजबूजी एवं कठिन समय में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को परिभाषित करेगी।’’
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए एक नया कौशल ढांचा तैयार किया जा रहा है। दूसरे चरण में अब 17 परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी गई है जिससे इस योजना के अंतर्गत कुल परियोजनाओं की संख्या बढ़तकर 24 हो गई। इन कंपनियों में जैबिल सर्किट इंडिया, एक्वस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ऊनो मिंडा, आसक्स सेफ्टी कंपोनेंट्स इंडिया, जेटफैब इंडिया, टीई कनेक्टिविटी इंडिया और मीना इलेक्ट्रोटेक आदि शामिल हैं। इन श्रेणियों में कैमरा मॉड्यूल, कनेक्टर, मल्टी-लेयर पीसीबी, ऑसिलेटर, एनक्लोजर आदि शामिल हैं। ये परियोजनाएं नौ राज्यों में फैली हुई हैं।
