गोरखपुर में सीएम योगी ने किया अत्याधुनिक फोरेंसिक लैब का किया उद्घाटन, अपराध जांच को मिलेगा बड़ा बूस्ट
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को गोरखपुर में एक नई और हाई-टेक फोरेंसिक लैब का उद्घाटन किया। जिला अस्पताल के इमरजेंसी गेट के ठीक सामने बनी यह छह मंजिला प्रयोगशाला करीब 73 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है। पहले बी-ग्रेड रही यह लैब अब ए-ग्रेड में अपग्रेड हो चुकी है और पूर्वांचल ही नहीं, नेपाल बॉर्डर से जुड़े मामलों की जांच में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
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क्या-क्या नया मिला है इस लैब में?
- मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव, सीसीटीवी फुटेज और हर तरह के डिजिटल डिवाइस से डाटा रिकवर करने की सबसे आधुनिक सुविधा
- साइबर क्राइम के लिए अलग डिविजन और वॉइस एनालिसिस (आवाज की वैज्ञानिक पहचान) की नई यूनिट
- गोली, कारतूस, हथियारों की बैलिस्टिक जांच और विस्फोटकों का पूरा केमिकल एनालिसिस
- वीडियो ऑथेंटिकेशन, एडिटिंग डिटेक्शन और स्पीकर आइडेंटिफिकेशन जैसी सुविधाएं अब लोकल स्तर पर उपलब्ध
सबसे बड़ा फायदा क्या होगा?
पहले अधिकतर सैंपल लखनऊ भेजने पड़ते थे, जिसमें हफ्तों-महीनों लग जाते थे। अब 90% से ज्यादा जांच गोरखपुर में ही हो जाएगी। इससे:
- केस चार्जशीट की रफ्तार कई गुना बढ़ेगी
- साइबर अपराध, मर्डर, बलात्कार, आतंकवाद और बॉर्डर क्राइम जैसे गंभीर मामलों का खुलासा तेज होगा
- पुलिस को बार-बार लखनऊ दौड़ने और इंतजार करने से छुटकारा मिलेगा
- सरकार का समय, पैसा और संसाधनों की भी भारी बचत होगी
इस पूरी बिल्डिंग का निर्माण यूपी राज्य निर्माण निगम ने किया है। सोमवार को जोनल एडीजी मुथा अशोक जैन, डीएम दीपक मीणा और एसएसपी राजकरन नय्यर ने लैब का दौरा कर सारी तैयारियां परखीं। अधिकारियों ने बताया कि नई लैब शुरू होते ही पूर्वांचल के दर्जनों जिलों की पुलिस को तुरंत राहत महसूस होगी।
