योगी सरकार का बड़ा फैसला : यूपी के सभी सरकारी अस्पालों में फ्री मिलेगा हार्ट अटैक इंजेक्शन, बाजार में 40 से 50 हजार कीमत
जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हरेंद्र देव सिंह ने मंगलवार को कहा कि हृदय रोगियों की बढ़ती चुनौतियों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए हार्ट अटैक के समय जीवन बचाने वाले महंगे इंजेक्शन को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि यह वही इंजेक्शन है जिसकी कीमत बाजार में 40 से 50 हजार रुपये तक पहुँचती है और गरीब-मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए इस इंजेक्शन को खरीद पाना बड़ा मुश्किल होता था। उन्होंने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को ऐतिहासिक कदम बताया है। वरिष्ठ कार्य कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि अक्टूबर में उठी थी गूंज "सरकार कीमत कम कर दे, हजारों जानें बच सकती हैं।"
इस निर्णय के पीछे एक महत्वपूर्ण भूमिका जनपद के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हरेंद्र देव सिंह की रही, जिन्होंने अक्टूबर में खुले मंच से मांग उठाई थी कि- "यदि सरकार हार्ट अटैक में लगने वाले इंजेक्शन की कीमत कम करवा दे या इसे फ्री कर दे, तो सिर्फ इस जाड़े में ही हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है।" स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्रिय लोगों और आम नागरिकों दोनों ने उनकी बात को गंभीरता से लिया।
सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से चर्चा में आया, और यही आवाज आगे जाकर राज्य शासन तक पहुँची। डॉ. सिंह ने कहा कि चिकित्सीय रिपोर्टों, अस्पतालों की मांग और जनभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने नवंबर में विस्तृत समीक्षा बैठक के बाद इस इंजेक्शन को प्रदेश में मुफ्त उपलब्ध कराने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि यह कदम मुख्यमंत्री ने "जीवन रक्षा सर्वोपरि" सिद्धांत के अंतर्गत लिया गया है। यह इंजेक्शन अब से सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों,और चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तत्काल आवश्यकता पर मरीजों को बिना किसी शुल्क के दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सर्दियों के महीनों में हार्ट अटैक के मामलों में 20-30 प्रतिशत तक वृद्धि देखने को मिलती है।
कई बार मरीज इस इंजेक्शन की महंगी कीमत के कारण इलाज से वंचित रह जाते थे। ऐसे में यह फैसला केवल "किसी इंजेक्शन को फ्री करने" का मामला नहीं, बल्कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने वाला कदम, गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को आर्थिक राहत, समय पर इलाज के कारण हजारों जीवन सुरक्षित के रूप में देखा जा रहा है।
