फेंसेडिल सिरप अवैध कारोबार: STF पूछताछ में मास्टर माइंड के करीबी अमित ने खोले कई राज, पूर्व बाहुबली सासंद की सरपरस्ती में फैलाया साम्राज्य 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: फेंसेडिल सिरप व कोडिन युक्त दवाओं की तस्करी गिरोह के मास्टर माइंड शुभम का करीबी अमित ने एसटीएफ की पूछताछ में कई राज उगले। इसमें सामने आया कि अमित ही अवैध कारोबार कर रहा था। गिरोह में उसका स्थान शुभम के बराबर था। पूर्वांचल के पूर्व बाहुबली सांसद की सरपरस्ती के कारण कोई उसका विरोध नहीं करता था। पकड़े जाने पर खुद को मेडिकल स्टोर संचालक बताया। एसटीएफ बर्खास्त सिपाही की तलाश कर रही है।

जौनपुर के सुरेरी स्थित भोड़ा सीटूपुर गांव निवासी अमित कुमार सिंह टाटा फेंसेडिल सिरप तस्करी गिरोह का बराबर का हिस्सेदार था। पूर्वांचल के पूर्व बाहुबली सांसद के दम पर कुछ ही दिन में गिरोह को अपने कमांड में ले लिया। बांग्लादेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में तस्करी होने से पहले अमित को पूरी जानकारी दी जाती थी। एसटीएफ ने जांच शुरू की तो एबॉट कंपनी को पत्र लिखा गया था। 

जिसके बाद कफ सीरप बनाना बंद कर दिया था, लेकिन कंपनी के अधिकारियों से मिलकर 150 करोड़ से ज्यादा की सीरप का भंडारण अमित ने कर लिया था। लाभ ज्यादा होने के कारण किस्तों में तस्करी की जाने लगी। एसटीएफ की जांच तेज हुई तो प्रदेश के कई इलाकों में तस्करी का माल पकड़ा जाने लगा। इस दौरान चार प्रमुख लोगों की गिरफ्तारी हुई। इसके बाद सप्लाई बंद कर दी गई थी। पूछताछ में अमित ने कुबूल किया कि पकड़ में न आये इसके लिए दूसरे का चेहरा प्रयोग करने लगा। एएसपी लाल प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। तस्करी के पीछे जो प्रमुख व्यक्ति है, चाहे वह कोई भी हो, उसे गिरफ्तार किया जाएगा।

एसटीएफ का बर्खास्त सिपाही बना मददगार

पुलिस के मुताबिक गिरोह को चलाने के लिए विभागीय लोगों की भी मदद ले रहा था। विभाग में तैनात कुछ पुलिसकर्मी अंदरखाने की रिपोर्ट भी गिरोह को देते थे। इसमें एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही का नाम सामने आया है। उसने रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जांच में क्या चल रहा है। इसकी जानकारी देनी शुरू की। एएसपी लालप्रताप सिंह के मुताबिक बर्खास्त सिपाही के खिलाफ जांच चल रही है। जो भी तथ्य सामने आयेंगे। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। आरोपी सिपाही की तलाश भी की जा रही है। जल्द ही उससे एसटीएफ की विशेष टीम पूछताछ करेगी।

70 प्रतिशत से ज्यादा मुनाफा

पुलिस के मुताबिक कोडिन युक्त दवाएं तो बहुत कंपनी बनाते हैं, लेकिन फेंसेडिल सीरप में बहुत फायदा होता है। इसी के चलते तस्कर इसको खरीब कर सप्लाई करते हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि एक सरीप पर 70 प्रतिशत से ज्यादा का फायदा होता है। एक सीरप पांच से छह सौ रूपये की बिकती है, लेकिन वह महज सौ रूपये से कम की आती है। सिरप तस्करी में 5 लाख के बदले 30 लाख रूपये के मुनाफे को देख अमित सिंह शुभम जायसवाल का पार्टनर बना था। सोशल मीडिया पर अमित और शुभम की दुबई सफारी की तस्वीर भी सामने आई हैं।

दुबई तक बनाई करोड़ों की संपत्ति

जांच में सामने आया कि फेंसेडिल सिरप बनाने वाली कंपनी एबॉट ने फर्जीवाड़े के कारण उत्पादन बंद कर दिया था। देश के पांच पांच सुपर स्टॉकिस्ट में से दो फर्म शुभम जायसवाल के सिंडिकेट की थीं। दुबई में बैठे शुभम ने वाराणसी से लेकर मुंबई और दुबई तक करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई है। शुभम ने अमित सिंह टाटा को दो बार दुबई और पटाया की सैर भी करवाई है। इस बीच अमित सिंह टाटा और शुभम जायसवाल का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें अमित अपने साथियों के साथ एक युवक की मारपीट करते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो वाराणसी के रोहनिया का बताया जा रहा है। पुलिस अब लुक आउट नोटिस के जरिए दुबई भाग चुके किंगपिन शुभम जायसवाल को पकड़ने की कोशिश कर रही है, जिसकी तस्वीरें पूर्व बाहुबली सांसद के साथ भी हैं।

पूर्व बाहुबली सांसद व भाजपा विधायक ने कहा था छोटा भाई

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में चंदौली के भाजपा विधायक अमित सिंह टाटा को अपना छोटा भाई बता रहे हैं। वहीं, एक अन्य वीडियो में जौनपुर के पूर्व सांसद व बाहुबली भी अमित टाटा को अपना छोटा भाई कहते दिख रहे हैं। एसटीएफ को अमित सिंह टाटा से एक फॉर्च्यूनर गाड़ी मिली है, जिसका नंबर 9777 है। यह नंबर बाहुबली सांसद की सभी गाड़ियों का होता है, जो अमित सिंह टाटा की करीबी होने का प्रमाण है। यह गाड़ी अमित की पत्नी साक्षी सिंह के नाम पर है और अक्सर बाहुबली सांसद के काफिले में चलती थी।

रामपुर से ब्लॉक प्रमुख चुनाव की कर रहा था तैयारी

अमित सिंह टाटा भोड़ा सीटूपुर का रहने वाला है। फेंसेडिल कफ सिरप तस्करी से करोड़ों रुपये की काली कमाई कर चुका है। इस काली कमाई के दम पर राजनीतिक धरातल भी तैयार कर रहा था। वह रामपुर ब्लॉक से प्रमुख के चुनाव की तैयारी कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद से यह सपना टूट गया है। हालांकि पूर्वांचल के कई राजनीति घरानों से सीधे ताल्लुक रखने के कारण संभावनाएं जताई जा रही हैं कि अब वह अपनी पत्नी साक्षी सिंह को चुनावी मैदान में उतार सकता हैं।

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