मेरा शहर मेरी प्रेरणा : बड़े बाजार से मॉल तक की यात्रा, परंपरा और आधुनिकता का मेल
उत्तर प्रदेश का शहर बरेली तेजी से बदलते व्यापारिक केंद्र का प्रतीक बन चुका है। सदियों पुरानी परंपराओं वाली गलियां जैसे बड़े बाजार, चौक, कोहाड़ापीर, इमामबाड़ा, कुतुबखाना और किला इलाका जहां कभी थोक व्यापार और मोलभाव की रौनक हुआ करती थी, वहां अब आधुनिक मॉल, ब्रांडेड शोरूम और डिजाइनर स्टोर्स का प्रचलन है। यह बदलाव केवल इमारतों या दुकानों का नहीं, बल्कि व्यापार की सोच, ग्राहकों की बदलती पसंद और समय के साथ विकसित बाजार के स्वरूप का पर्याय है।
फिनिक्स मॉल, सिटी मॉल और डीडीपुरम रोड जैसे नए आर्थिक केंद्रों ने पुरानी पहचान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है, जहां खरीदारी अब सिर्फ जरूरत का माध्यम नहीं, बल्कि एक पूर्ण अनुभव बन चुकी है। बरेली का यह व्यापारिक सफर दर्शाता है कि परंपरा बदलती तो है, लेकिन मिटती नहीं बस नया रूप धारण कर लेती है। बड़े बाजार और चौक जैसी जगहें अभी भी सांस्कृतिक जड़ों का प्रतीक हैं, जबकि मॉल और ब्रांडेड स्टोर्स आधुनिकता का चेहरा। दोनों का संगम बरेली को ‘संस्कृति और व्यवसाय का संतुलित शहर’ बनाता है, जहां आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक बदलाव भी झलकता है। यह यात्रा न केवल व्यापारियों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि पूरे समाज के अनुकूलन का जीवंत उदाहरण भी। भविष्य में बरेली और भी मजबूत व्यापारिक केंद्र के रूप में उभरेगा, जहां पुरानी यादें नई कहानियों को प्रेरित करती रहेंगी।
ज्वेलरी व्यापार: सोनारों की गलियों से डायमंड शोरूम तक चौक और कोहाड़ापीर की तंग गलियों में दशकों तक सोना-चांदी की छोटी-छोटी दुकानें चमकती रहीं। यहां हाथ से बनी ज्वेलरी झूमके, हार और चूड़ियां न केवल व्यापार का आधार थीं, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा भी थी। लेकिन आधुनिकता की लहर ने इस क्षेत्र को भी नया रूप दे दिया है। अब तनिष्क, कल्याण ज्वेलर्स, पीएनजी और साराफा मार्केट जैसे ब्रांडेड शोरूम स्थानीय ज्वेलर्स को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। मशीन-कट डिजाइन्स, डायमंड सेक्शन और हॉलमार्क्ड गारंटी अब ग्राहकों की प्राथमिकता हैं। अब ग्राहक सिर्फ डिजाइन नहीं, बिल और वारंटी भी चाहता है, कोहाड़ापीर के एक सुनार ने कहा। यह परिवर्तन न केवल प्रतिस्पर्धा बढ़ा रहा है, बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी नई तकनीकों अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। ज्वेलर्स एण्ड बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल मिंटू ने बताया कि बरेली ने खुद को बदलते हुए परिवेश में बदला और प्राचीनता और परंपरा के साथ ही आधुनिकता को महत्व दिया। पहले जहां ज्वेलरी की छोटी दुकानें होती थी वहीं आज महानगर में कई बड़े ब्रांड के शोरूप में है। जिसने बरेली को एक अलग ही पहचान दी है।
मिठाई और बर्तन
स्वादिष्ट परंपरा से फ्यूजन सुविधा तक : बरेली की मिठाई रसगुल्ला, पेड़ा, लड्डू और बर्फी हमेशा से शहर की शान रही है। इमामबाड़ा रोड और सिविल लाइंस इलाकों में छोटे हलवाइयों की दुकानें स्वाद का खजाना हुआ करती थीं। लेकिन अब ब्रांडेड चेन जैसे छप्पन भोग, बिकानेरवाला और हल्दीराम ने बाजार में अपनी पैठ बना ली है। फ्यूजन स्वीट्स, ड्राय फ्रूट मिठाइयां और बेकरी प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ी है, जहां पैकिंग और प्रेजेंटेशन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना स्वाद। स्वाद वही है, लेकिन पैकिंग और प्रेजेंटेशन में बड़ा बदलाव आया है। इसी तरह, बर्तन व्यापार में भी क्रांति आ चुकी है। किला रोड और डीडीपुरम इलाकों में पहले पीतल, तांबे और स्टील के पारंपरिक बर्तन बिकते थे। अब नॉन-स्टिक, माइक्रोवेव-सेफ, डिजाइनर क्रॉकरी और किचन सेट की दुकानें खूब फल-फूल रही हैं। यह बदलाव आधुनिक रसोई की जरुरतों को पूरा करता है, जहां सुविधा और सौंदर्य दोनों का ध्यान रखा जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक, फर्नीचर और फोम उद्योग जीवनशैली की नई मांगें
सिविल लाइंस और डीडीपुरम रोड अब इलेक्ट्रॉनिक्स का मुख्य बाजार है। जहां पहले टीवी और रेडियो तक कारोबार सीमित था, वहीं अब स्मार्टफोन, एलईडी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और होम ऑटोमेशन प्रोडक्ट्स की भरमार है। ग्राहक ऊर्जा-कुशल और स्मार्ट डिवाइसेस की तलाश में हैं, जो आधुनिक जीवन को आसान बनाते हैं। फर्नीचर और फोम उद्योग भी पीछे नहीं हैं। किला रोड, प्रीतम नगर और अन्य इलाकों में लकड़ी के पारंपरिक काम से निकलकर मॉड्यूलर फर्नीचर, फोम मैट्रेस और डेकोर स्टूडियो उभर आए हैं। स्लीपीहेड, स्लीपवेल जैसे ब्रांड घर-घर पहुंच चुके हैं। अब ग्राहक लकड़ी का वजन नहीं, फर्नीचर की डिजाइन और कम्फर्ट को तवज्जो देता है, एक फर्नीचर निर्माता ने कहा। यह क्षेत्र नई पीढ़ी की आरामप्रिय जीवनशैली को दर्शाता है।
कपड़ा व्यापार: गलियों से ब्रांड्स तक
पुराने दिनों में कुतुबखाना और बड़े बाजार बरेली का थोक और खुदरा व्यापार का केंद्र रहा। हाथों से सिलाई और बुनाई का काम होता था और ग्राहक कपड़े की मजबूती व कीमत पर जोर देते थे। लेकिन अब रेडीमेड गारमेंट्स, डिजाइनर बुटीक और ब्रांडेड फैशन स्टोर्स मॉल्स व मार्केट कॉम्प्लेक्स में फैल चुके हैं। ग्राहक अब क्वालिटी के साथ ब्रांड वैल्यू, स्टाइल और फैब्रिक की चमक भी तलाशते हैं। यह बदलाव बरेली को उत्तर भारत के फैशन हब के रूप में स्थापित कर रहा है। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के चेयरमैन व रेडिमेड गारमेंट के अध्यक्ष दर्शनलाल भाटिया ने बताया कि पहले बरेली में छोटी दुकानें होती थी और ग्राहकों की खरीदारी की क्षमता भी सीमित हुआ करती थी। अब बड़े ब्रांडों के शोरूम खुल गए हैं और ग्राहकों के सामने कपड़ों के चयन और खरीदने का अवसर बढ़ा है। ग्राहकों की क्षमता और पसंद ने बरेली को एक छोटे बाजार से बड़े बाजार में बदल दिया है। आज बरेली में सभी बड़े ब्रांड मौजूद है।
मॉल संस्कृति : खरीदारी से अनुभव तक का सफर
पिछले एक दशक में मॉल संस्कृति ने बरेली के व्यापार को नया आयाम दिया है। जहां पहले ग्राहक गलियों में मोलभाव करते थे, वहीं अब परिवार के साथ एयर-कंडीशंड मॉल्स जैसे फिनिक्स मॉल और सिटी मॉल में शॉपिंग, फूड कोर्ट, मनोरंजन और समय बिताने का पूरा पैकेज मिलता है। अब शॉपिंग एक अनुभव है, जहां लोग देखना, घूमना और समय बिताना चाहते हैं, एक युवा ग्राहक ने साझा किया। ये मॉल न केवल आर्थिक केंद्र हैं, बल्कि सामाजिक मेलजोल के स्थान भी बन चुके हैं, जो पुरानी मंडियों की रौनक को आधुनिक रूप में जीवित रखते हैं।
कपड़ा व्यापार: गलियों से ब्रांड्स तक
पुराने दिनों में कुतुबखाना और बड़े बाजार बरेली का थोक और खुदरा व्यापार का केंद्र रहा। हाथों से सिलाई और बुनाई का काम होता था और ग्राहक कपड़े की मजबूती व कीमत पर जोर देते थे। लेकिन अब रेडीमेड गारमेंट्स, डिजाइनर बुटीक और ब्रांडेड फैशन स्टोर्स मॉल्स व मार्केट कॉम्प्लेक्स में फैल चुके हैं। ग्राहक अब क्वालिटी के साथ ब्रांड वैल्यू, स्टाइल और फैब्रिक की चमक भी तलाशते हैं। यह बदलाव बरेली को उत्तर भारत के फैशन हब के रूप में स्थापित कर रहा है। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के चेयरमैन व रेडिमेड गारमेंट के अध्यक्ष दर्शनलाल भाटिया ने बताया कि पहले बरेली में छोटी दुकानें होती थी और ग्राहकों की खरीदारी की क्षमता भी सीमित हुआ करती थी। अब बड़े ब्रांडों के शोरूम खुल गए हैं और ग्राहकों के सामने कपड़ों के चयन और खरीदने का अवसर बढ़ा है। ग्राहकों की क्षमता और पसंद ने बरेली को एक छोटे बाजार से बड़े बाजार में बदल दिया है। आज बरेली में सभी बड़े ब्रांड मौजूद है।
