चित्रकूट : कोर्ट के आदेश पर पालिकाध्यक्ष और ईओ समेत 5 पर एफआईआर, अवैध रूप से ठेका देने का मामला

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Published By Deepak Mishra
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चित्रकूट, अमृत विचार। गैरकानूनी रूप से ठेका हस्तांतरण करने के मामले में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर पालिकाध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी, आरआई सहित पांच लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। सीतापुर चौकी अंतर्गत तीर्थराजपुरी निवासी नीरज कुमार पुत्र गेंदालाल ने बताया कि उसने एक अप्रैल 24 से 31 मार्च 25 तक के लिए नगर पालिका अंतर्गत रैन बसेरा सीतापुर में वाहन पार्किंग और आवास नीलामी बोली में 20 प्रतिशत वृद्धि की दर से ठेका मिला था।  

उधर, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने पूर्व ठेकेदार विमल चंद्र मिश्रा निवासी सुरसेन को मासिक किराये 91 हजार रुपये में 10 फीसदी वृद्धि करके अवैध रूप से संचालन का समय बढ़ा दिया। नीरज का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया अवैधानिक रूप से की गई।

उसने आरोप लगाया कि इसके बाद अधिशासी अधिकारी लालजी यादव, पालिकाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता और राजस्व निरीक्षक राहुल पांडेय के साथ ठेकेदार विमल चंद्र और अरुण तिवारी ने आपसी साठगांठ करके सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाते हुए 10 जुलाई 24 को अरुण तिवारी को नियम विरुद्ध ठेका दे दिया।

इस संबंध में न तो बोर्ड का प्रस्ताव पास किया गया और न किसी अधिकारी ने ठेका हस्तांतरण का आदेश दिया। उसका यह भी कहना है कि उच्चाधिकारियों को भी गुमराह करके रिपोर्ट भेजी गई। नीरज कुमार का कहना है कि इसकी शिकायत उसने एसपी, सीओ, कोतवाली प्रभारी, चौकी प्रभारी को पत्र भेजकर की पर कोई सुनवाई नहीं हुई और आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।

पालिका में भी शिकायती पत्र दिया पर सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने सीजेएम कोर्ट में गुहार लगाई। बताया कि कोर्ट के आदेश पर कोतवाली कर्वी में लालजी यादव, नरेंद्र गुप्ता, राहुल पांडेय, विमल चंद्र मिश्रा और अरुण तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

इन धाराओं में दर्ज की गई रिपोर्ट  
कोतवाली में सभी आरोपियों पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें छल करना, धोखाधड़ी करके किसी को संपत्ति देना, दस्तावेजों की जालसाजी आदि से संबंधित धाराएं हैं। मामले की विवेचना सीतापुर चौकी प्रभारी को दी गई है।   

जानकारी से किया इनकार
पालिकाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर की। उनका कहना था कि वह पता कर रहे हैं। अभी उनको कुछ भी पता नहीं। ईओ लालजी का भी कहना था कि उनको मामले की जानकारी ही नहीं है।

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