Ditwah Cyclone : प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा से की बात, 'दितवाह' से मची तबाही पर जताया दुख

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने 'चक्रवात दितवाह' के कारण श्रीलंका में हुई जान-माल की हानि और व्यापक तबाही पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के लोग इस कठिन समय में श्रीलंका के लोगों के साथ एकजुटता और समर्थन में खड़े हैं। 

राष्ट्रपति दिसानायके ने आपदा के बाद भारत की सहायता के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और बचाव दलों तथा राहत सामग्री की त्वरित तैनाती की सराहना की। उन्होंने भारत के समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया प्रयासों के लिए श्रीलंका की जनता की ओर से भी आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति दिसानायके को संकटग्रस्त व्यक्तियों को बचाव और राहत प्रदान करने के लिए चल रहे ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका को भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत अपने विजन महासागर और 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' के रूप में अपनी स्थापित स्थिति के अनुरूप, आने वाले दिनों में श्रीलंका द्वारा पुनर्वास प्रयासों, सार्वजनिक सेवाओं को फिर से शुरू करने और प्रभावित क्षेत्रों में आजीविका बहाल करने के प्रयासों के तहत सभी आवश्यक सहायता प्रदान करता रहेगा। दोनों नेताओं ने निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।

बता दें कि श्रीलंका में चक्रवात दितवाह से मची तबाही में अब तक कम से कम 334 लोगों की मौत हो चुकी है। कोलंबिया के स्थानीय मीडिया ने डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (डीएमसी) के हवाले से बताया कि 370 लोगों की अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इस बीच ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारतीय वायुसेना श्रीलंका के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर रही है। भारतीय वायुसेना ने 40 श्रीलंकाई सैनिकों और 104 भारतीयों को रेस्क्यू किया।

इस तूफान से कैंडी शहर में सबसे ज्यादा तबाही मची है। कैंडी में अब तक 88 मौतें हुई हैं, जबकि 150 लोग लापता बताए गए हैं। बादुल्ला में 71, नुवारा एलिया में 68 और मटाले में 23 लोगों की मौत हुई है। डेली मिरर ने डीएमसी के हवाले से बताया कि इस आपदा से देशभर के 309,607 परिवारों के 1,118,929 लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया है। इसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में भी दिक्कतें आ रही हैं।

संबंधित समाचार