मेरा शहर मेरी प्रेरणा : किप्स स्वीट्स...तख्त से आलीशान दुकान तक
एक तख्त से शुरु हुआ किप्स स्वीट्स का सफर किसी परीकथा से कम नहीं है। आज के संदर्भ में देखें तो इनका स्लोगन-किप्स आन द लिप्स अपने नाम को सार्थक करते हुए देश-विदेश में एक पहचान बना चुका है। आज किप्स की मिठाई बरेली में एक पहचान है जो अपनी पारंपरिक मिठाइयों के लिए जाना जाता है। इनकी सबसे प्रसिद्ध मिठाई बरेली की बर्फी है जो मुलायम बनावट और भरपूर स्वाद के लिए जानी जाती है।
इनके अन्य लोकप्रिय उत्पादों में काजू बर्फी, रसभरी, ड्राई फ्रूट लड्डू, और सोहन पापड़ी आदि शामिल हैं। मक्खन समोसा तो इनका इतना लाजवाब है कि देखते ही मन खाने को ललचा जाए। बेहतर स्वाद और शुद्धता वाला काजू दालमोठ का पैकेट तो इनका खास है जिसके लोग दीवाने हैं।
सुरमे और झुमके की तरह ही किप्स की मिठाई भी आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। 1972 में तख्त पर एक छोटी सी दुकान से इसकी शुरुआत देवेन्द्र खंडेलवाल ने की थी। यह अब बरेली ही नहीं देशभर में एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान के रूप में विकसित हो गई है। विदेशों में भी जो लोग यहां से जाकर बस गए हैं वह भी यदा-कदा मिठाइयां मंगाते रहते हैं या फिर कभी बरेली आते हैं तो ढेर सारी मिठाइयां ले जाते हैं।
किप्स के आउटलेट माडल टाउन और राजेन्द्रनगर में भी हैं। वर्तमान में सिर्फ बरेली की जनता के लिए ही नहीं बल्कि बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, परिणीति चोपड़ा, दिशा पाटनी समेत कई बड़े-बड़े कलाकार और राजनेताओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
यहां के स्पेशल ड्राईफ्रूट्स लड्डू मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी काफी पसंद हैं। उनके लिए हर माह या विशेष अवसरों पर ड्राईफ्रूट्स लड्डू भेजे जाते हैं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी भी किप्स की मिठाइयों के मुरीद रहे हैं। वर्तमान में प्रसाद सिनेमा के सामने स्थित किप्स स्वीट शॉप के संचालक राहुल खंडेलवाल के अनुसार यहां प्रत्येक दिन सभी मिठाइयां ताजी मिलती हैं।
इन मिठाइयों को बनाने के लिए बेहतर क्वालिटी का सामान प्रयोग किया जाता है। अपने ग्राहकों को वह शुद्ध उत्पाद देने में विश्वास करते हैं, जिससे उनका भरोसा हम पर इसी प्रकार बना आ रहा है। राहुल खंडेलवाल ने बताया कि अभी दिसंबर में पूर्व कंट्रीय मंत्री और वर्तमान में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के बेटे की शादी होनी है लेकिन मिठाइयों के आर्डर अभी से मिलने लगे हैं।

कुछ खास है त्यागी रेस्टोरेंट की कचौड़ी वाली थाली
अगर आप कचौड़ी खाने के शौकीन हैं और कुतुबखाना पहुंचकर नावल्टी चौराहा के पास पुराने बस अड्डे की तरफ मुड़ते हैं तो अचानक कचौड़ी की खुश्बू आपको अनायस त्यागी रेस्टोरेंट में जाने के लिए मजबूर कर सकती है। यह दुकान करीब 61वर्षों से संचालित हो रही है। इसकी शुरुआत 1964 में वीके शर्मा ने की थी। उनके बाद वीके त्यागी ने इसकी कमान संभाली। वर्तमान में त्यागी परिवार के एक करीबी रिश्तेदार इसे चला रहे हैं। त्यागी रेस्टोरेंट में चार कचौड़ी, कद्दू की सब्जी, छोले की सब्जी, आलू टमाटर की सब्जी और अचार के साथ आप भरपेट भोजन का आनंद ले सकते हैं। आप घर बैठे स्विगी के माध्यम से भी आर्डर कर खाद्य सामग्री मंगा सकते हैं। इसका मैन्यू पुराना है जो आज तक चला आ रहा है। आलू की सब्जी जरूर चटपटी है लेकिन कद्दू की सब्जी मीठी मिलेगी जिसे यहां बड़े चाव से खाया जाता है। सब कुछ गरमा-गरम और ताजा मिलेगा। वर्तमान में अब इस रेस्टोरेंट के बगल में छोले-भठूरे और छोले समोसे का भी आनंद लिया जा सकता है। पूरा त्यागी परिवार इन दोनों सिस्टम को चला रहा है. उनका कहना है कि 12 महीने हमारा स्वाद आपको एक जैसा ही मिलेगा ।

पहचान बन चुकी अंग्रेजों के समय की फर्न्स बेकरी
सिविल लाइन्स इलाके में बलवंत सिंह मोटर मार्ग पर अंग्रेजों के जमाने की फर्न्स बेकरी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। बेकरी की शुरुआत आजादी से पहले एक अंग्रेज फर्नान्डीज ने अपनी बेटी फर्न्स फर्नान्डीज के नाम से की थी। बताया गया कि 90 साल की हो चुकीं फर्न्स आज भी जीवित हैं और लंदन में कहीं रह रही हैं। 1950 तक कोई ईसाई फैमली इस बेकरी को चला रही थी। बाद में केयरटेकर को सौंप यह फैमली भी लंदन चली गई। समय गुजरा और अब खां फैमली के हाथों यह बेकरी है। मौजूदा समय में चार भाई जाहिद अली खां,मुशाहिद उर्फ दिलशाद, शाहबाज और फरात इस बेकरी के कर्ताधर्ता हैं। बड़े भाई जाहिद अली ने बताया कि उनके पिता मुबारक अली खां और ताऊ मोहम्मद अली ने 1972 में इस बेकरी को खरीद एक नई शुरुआत की और बेकरी नाम फर्न्स बेकरी ही रखा। फर्न्स बेकरी में आज आप कई वैरायटी की पेस्टी और पेटीज का आनंद ले सकते हैं। पेस्टी में चाकलेट-बटर पेस्टी काफी लोकप्रिय है जो 30 रुपये प्रति पीस में उपलब्ध है। पाइन एप्पल और ब्लैक फारेस्ट पेस्टी के ग्राहक भी बहुत हैं। इसके अलावा चिकन, वेज और पनीर से भरी पेस्टी की भी काफी डिमांड रहती है। आलू भरी पेटीज 20 रुपये प्रति पीस में आप ले सकते हैं। जाहिद अली का कहना है कि उनके यहां बनने वाले सारे आइटम फ्रेस क्रीम से ही बनते हैं।
