लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन और LUTA में जंग जारी, तीन उपाध्यक्षों के खिलाफ जांच समिति बनाई

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लूटा का आरोप: जांच की मांग करने वालों पर ही कार्रवाई

लखनऊ, अमृत विचार: लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन और लूटा (लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन) के तीन उपाध्यक्ष—डॉ. अरशद अली जाफरी, डॉ. चंदकी रोम गौतम और प्रो. मोनिशा बनर्जी—के बीच टकराव और तेज हो गया है। विश्वविद्यालय ने तीनों के खिलाफ घोर अनुशासनहीनता व कदाचार के आरोपों में जांच समिति गठित की है, जबकि लूटा उपाध्यक्षों का कहना है कि उन्होंने पूर्व कुलपति से जुड़े कई मामलों की जांच की मांग की थी, लेकिन अब उन्हीं पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

लूटा उपाध्यक्षों ने कुलपति को भेजे पत्र में कहा कि जांच का विषय पूर्व कुलपति से जुड़ा है, इसलिए समिति में ऐसे सदस्य न हों जिन्होंने पूर्व कुलपति से लाभ लिया हो। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक और वित्त अधिकारी के खिलाफ मानदेय वितरण में कथित अनियमितताओं की भी जांच मांगी थी। इसके अलावा आईआईएम कोलकाता के निदेशक बनने के चार महीने बाद भी पूर्व कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय द्वारा आवास खाली न करने का मुद्दा भी उठाया गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि तीनों उपाध्यक्षों ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कुलपति, रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी पर मनमाने ढंग से मानदेय लेने के आरोप लगाए थे, लेकिन नोटिस के जवाब में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। इनमें से दो उपाध्यक्षों डॉ. जाफरी और प्रो. बनर्जी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता व आचार संहिता उल्लंघन की जांच पहले से जारी है।

संबंधित समाचार