पीलीभीत:  फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश...गेमिंग एप के सहारे उड़ाते थे रकम, 03 गिरफ्तार 

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Published By Monis Khan
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पीलीभीत, अमृत विचार। घुंघचिहाई थाना पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर लोगों की रकम उड़ाने वाले तीन जालसाजों को धर दबोचा। उनके पास से नौ मोबाइल, दो लैपटाप, 59500 रुपये समेत अन्य सामान बरामद किया। एएसपी विक्रम दहिया ने पुलिस लाइन में गुरुवार को खुलासा किया। जिसके बाद कोर्ट में पेश कर आरोपियों को जेल भेज दिया है।

साइबर क्राइम को लेकर पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है। लोगों को कार्यशाला आयोजित कर जागरुक भी किया जा रहा है। इसी क्रम में एसपी अभिषेक यादव के निर्देशन में एनसीआरपी पोर्टल से प्राप्त क्षेत्र के पॉश वेरिफिकेशन और जिले में संचालित ऐसे बैंक खाते जिनका लिंक साइबर अपराध से जुड़ा था। उनकी जांच पड़ताल कराई जा रही थी। इस इस दौरान घुंघचिहाई क्षेत्र में संचालित एक जनसेवा केंद्र /बीसी प्वाइंट को होल्ड किया गया। उसके संचालक से पूछताछ की गई और फिर सूचना के आधार पर पुलिस ने क्षेत्र के ग्राम हरिपुर ताल्लुके अजीतपुर बिल्हा निवासी अमृतपाल पुत्र गुरप्रीत सिंह, ग्राम उदरहा निवासी धर्मेंद्र कुमार पुत्र छंगेलाल, ग्राम घंघचिहाई निवासी प्रियांशु दीक्षित पुत्र मैकूलाल को गिरफ्तार किया। इनके पास से उपरोक्त सामान के साथ ही दुगई का सिम भी बरामद किया गया। पूछताछ की गई तो फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से ठगी करने की बात उजागर हो गई। रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

दुबई में सीखा काम, फिर गेमिंग एप का लिया सहारा
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का सरगना अमृतपाल है। वह अपने एक अन्य साथी के साथ 2024 में दुबई गया और कॉल सेंटर में नौकरी की। चवहां उसे 35 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता था। वहां पर उसने व साथी ने काम सीख लिया तो वह वापस घर आ गए। फिर अपने घर से ही कॉल सेंटर संचालित करनपा शुरू कर दिया। गेमिंग एप (एवियेटर, रम्मी) के जरिए लोगों को कॉल करके लोगों को गेम खेलने के लिए प्रेरित किया। जब पहली बार कोई गेम खेलता तो उसे ऊंची दरों से जितवाकर एकाउंट में रकम भी भेज दिया करते थे। इसी तरह से खाते से डिटेल जुटा लिया करते थे।  फिर उसका एकाउंट खाली कर देते थे।

पुलिस के अनुसार, आरोपी धर्मेंद्र कुमार से उसके तीन बैंक खोतों की पासबुक, फोन नंबर ले लिया था। उसमें ठगी गई रकम भेजकर जनसेवा केंद्र से निकलवा लेते थे। इसके लिए धर्मेंद्र को पांच प्रतिशत मिलता था। इसी लालच में धर्मेंद्र खाते मुहैया कराता था। इसके अलावा श्रमिकों के पासबुक, मोबाइल नंबर झांसे देकर ले लिया करता था। उन्हें सरकारी योजना का लाभ मिलने की बात बताकर इस्तेमाल कर लिया करता। आरोपी प्रियांशु दीक्षित उसे ब्लैक में एक हजार रुपये में प्री एक्टीवेटेड सिम उपलब्ध कराता था। धर्मेंद्र किराना दुकान पर काम करता था। प्रियांशु रुपये के लालच में सिम दिया करता था। ये भी सामने आया कि आरोपी सिम एक्टीवेट कराने के लिए ग्राहक से पहले अंगूठा लगवा लिया करते थे और फिर कोई न कोई बहाना बना दिया करते थे।

कई प्रदेशों में होल्ड किए जा चुके खाते
जालसाजों के हत्थे चढ़ने के बाद पुलिस ने जेएमआईएस पोर्टल पर चेक किया तो पता चला है कि इनके द्वारा इसतेमाल किए जा रहे खातों पर उड़ीसा, तमिलनाडु, बिहार, कर्नाटक, मध्यप्रदेश आदि में साइबर फ्रॉड के मामलों में होल्ड लगा हुआ है। एएसपी विक्रम दहिया ने बताया कि अन्य खातों को लेकर भी जानकारी कराई जा रही है। गहनता से इसकी पड़ताल चल रही है।

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