बरेली : धनराशि मिली मगर तमाम अभिभावकों ने नहीं खरीदे स्वेटर और जूते

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Published By Pradeep Kumar
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बिना स्वेटर के विद्यालय में पढ़ने आ रहे बच्चे, बोले जल्दी लेंगे स्वेटर

बरेली, अमृत विचार। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यूनिफार्म, जूता- मोजा, बैग खरीदने के लिए डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के बैंक खाते में धनराशि भेजी जा चुकी है, मगर स्कूलों में तमाम छात्र-छात्राएं बिना स्वेटर, जूता- मोजा के पहुंच रहे हैं। कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि उनके पास पिछले साल का स्वेटर है, कुछ ने बताया कि अभी स्वेटर लिया नहीं गया है। शिक्षकों ने बताया कि मीटिंग में कुछ अभिभावक जारी की गई धनराशि खर्च होने की बात कहकर जल्द स्वेटर खरीदने की बात कहते हैं।

नगर क्षेत्र के कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय बालजती में गुरुवार को मध्याह्न भोजन के दौरान बच्चे स्कूल परिसर में खेल रहे थे। कुछ छात्राएं स्वेटर न पहने होने के कारण धूप में बैठी थीं। विद्यालय में 50 प्रतिशत बच्चे बिना स्वेटर के आए थे। विद्यालय में एसआईआर का काम भी चल रहा था। प्रधानाचार्य एसआईआर में सुपरवाइजर का काम कर रहे हैं। सहायक अध्यापिका जुबिया खान ने बताया कि विद्यालय में 256 बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमें से 247 बच्चों के अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से यूनिफार्म की धनराशि जारी हो चुकी है। पैरेंट्स मीटिंग में अभिभावकों से स्वेटर खरीदने को बोला गया है, कुछ अभिभावकों ने जल्दी ही स्वेटर खरीदने की बात कही है।

प्राथमिक विद्यालय गौंटिया खुर्रम में शिक्षिका तब्बसुम बच्चों को स्मार्ट क्लास में पढ़ा रही थीं। विद्यालय में 45 बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमें से 43 बच्चों की डीबीटी के माध्यम से राशि जारी हो चुकी है। इसके बाद भी विद्यालय में 40 प्रतिशत बच्चों पर स्वेटर और जूते नहीं थे। शिक्षिका ने बताया कि इस महीने की पैरेंट्स मीटिंग में दोबारा अभिभावकों स्वेटर खरीदने के लिए बोला जाएगा।

कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय बुखारा में कक्षा छह और आठ के कुछ बच्चे पुरानी यूनिफार्म पहने हुए थे। स्वेटर न होने पर उन्होंने बताया कि स्वेटर छोटा हो गया है। पापा से बोलकर नया लिया जाएगा। विद्यालय में करीब 35 प्रतिशत बच्चे बिना स्वेटर के कक्षा में बैठे थे। कुछ बच्चे बिना यूनिफार्म के ही आए थे। प्रधानाध्यापिका उर्मिला ने बताया कि विद्यालय में 262 बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमें से 164 बच्चों की यूनिफार्म की राशि जारी हुई थी है। बताया कि अगर पैरेंट्स मीटिंग में ड्रेस पहनकर आने पर ज्यादा कहने पर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देते हैं, इसलिए उनसे ज्यादा नहीं कहा जाता है।

यूनिफार्म व स्वेटर की धनराशि सीधे अभिभावकों के खातों में जाती है। विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि वे पैरेंट्स मीटिंग में अभिभावकों को यूनीफार्म आदि खरीदने के लिए जागरूक करें। - डा. विनीता, बीएसए।

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