बिहार में महिलाओं के असर से बदल सकता यूपी का नेतृत्व... मिशन-2027 में संगठन की कमान को लेकर तेज हुई सुगबुगाहट

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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साध्वी निरंजन ज्योति–नड्डा की मुलाकात से बढ़ा राजनीतिक तापमान

लखनऊ, अमृत विचार: भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के मंथन के बीच साध्वी निरंजन ज्योति और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात ने सियासी सरगर्मी को और बढ़ा दी है। गुरुवार को दिल्ली में दोनों नेताओं की भेंट की तस्वीरें सामने आते ही संगठनात्मक बदलाव की अटकलें तेज हो गईं। नेताओं का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा को महिलाओं का वोट और सपोर्ट मिला है, उसे देखते हुए यूपी में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किसी महिला को सौंपी जा सकती है।

सूत्रों के अनुसार आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी नेतृत्व प्रदेश में नए समीकरण गढ़ने की तैयारी कर रहा है। मुलाकात के बाद साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तस्वीरें साझा करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत पर जेपी नड्डा को बधाई दी। हालांकि मुलाकात शिष्टाचार बताया गया, लेकिन समय और राजनीतिक परिस्थिति ने इसे खास महत्व दे दिया है।

सूत्रों के अनुसार बिहार में भाजपा की जीत में महिला मतदाताओं की निर्णायक भूमिका को देखते हुए पार्टी उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी महिला प्रदेश अध्यक्ष पर विचार कर रही है। ऐसे में साध्वी निरंजन ज्योति एक महत्वपूर्ण नाम बनकर उभर रही हैं। वे न केवल महिला चेहरा हैं, बल्कि पिछड़े वर्ग विशेषकर निषाद-मल्लाह समाज की प्रभावी प्रतिनिधि भी मानी जाती हैं। भाजपा के रणनीतिकार इसे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा–दलित–अल्पसंख्यक) समीकरण की संभावित काट के रूप में देख रहे हैं। हिंदुत्व, संगठनात्मक अनुभव और सामाजिक प्रतिनिधित्व ये तीनों गुण उन्हें रेस में मजबूत बनाते हैं।

भले ही आधिकारिक घोषणा में समय लगे, लेकिन नड्डा और साध्वी निरंजन ज्योति की मुलाकात ने यह साफ कर दिया है कि भाजपा अपनी 2027 की रणनीति में नया सामाजिक–संगठनात्मक संतुलन साधने की कोशिश में जुट गई है। आने वाले दिनों में यह तस्वीर और स्पष्ट होगी कि प्रदेश अध्यक्ष का ताज किसके सिर सजता है, लेकिन इतना तय है कि भाजपा इस बार बड़ा संदेश देने की तैयारी कर रही है।

भाजपा नेतृत्व की सक्रियता बढ़ी

बीते सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ आकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक समेत प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह से कई चरण में बैठकें करके मिशन-2027 के मद्देनजर केंद्रीय नेतृत्व की मंशा जता दी थी। यूं तो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर केशव प्रसाद मौर्य से लेकर धर्मपाल सिंह, बाबूराम निषाद, रामशंकर कठेरिया, दिनेश शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह जैसे नाम लगातार चर्चा में हैं। लेकिन साध्वी निरंजन ज्योति को अचानक दिल्ली बुलाकर शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात ने नए समीकरण को बल दिया है।

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