कल से दो माह नहीं गूंजेगी शहनाई... खरमास और शुक्र अस्त के कारण नहीं होंगे शुभ संस्कार
जनवरी में एक भी नहीं है शुभ विवाह मुहुर्त
लखनऊ, अमृत विचारः देवउठनी एकादशी के बाद शुरू हुआ विवाह मुहूर्त 7 दिसंबर से रुक जाएगा। 16 दिसंबर से सूर्य की धनु संक्रांति के कारण खरमास शुरु होगा, जिसमें शास्त्रानुसार विवाह-संस्कार नहीं किए जाते। इसके साथ ही 12 दिसंबर 2025 को शुक्र 52 दिनों के लिए अस्त हो जाएंगे, जो 1 फरवरी 2026 को उदय होंगे। शुक्र अस्त अवधि में विवाह व मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं, इसलिए जनवरी 2026 में एक भी शुभ विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा।
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 5 फरवरी 2026 के बाद विवाह समारोह पुनः शुरू हो सकेंगे। नए वर्ष में कुल 54 शुद्ध विवाह मुहूर्त मिलेंगे। हालांकि 14 मार्च के बाद मीन खरमास लगने से एक माह तक फिर से विवाह नहीं हो सकेंगे। वर्ष 2026 में 25 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरु होगा और 20 नवम्बर को देवउठनी एकादशी के बाद ही विवाह कार्य पुनः शुरु होंगे।
नव वर्ष 2026 के विवाह मुहूर्त —
फरवरी: 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19, 20, 21
मार्च: 7, 8, 9, 11, 12
अप्रैल: 15, 20, 21, 25, 26, 27, 28, 29
मई: 1, 3, 5, 6, 7, 8, 13, 14
जून: 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29
जुलाई: 1, 6, 7, 11, 12
नवंबर: 21, 24, 25, 26
दिसंबर: 2, 3, 4, 5, 6
