राजकोष में जमा होगी SNA खाते में बची धनराशिः केंद्र प्रायोजित योजनाओं में बदली व्यवस्था, अब ANA प्रणाली लागू
सरकार ने सभी विभागों को धन वापसी तत्काल करने के दिए निर्देश
लखनऊ, अमृत विचार : प्रदेश सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के संचालन में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए आदेश जारी किया है कि सिंगल नोडल अकाउंट (एसएनए) में पूर्व से जमा पड़ी राज्यांश धनराशि को राजकोष में वापस जमा कराया जाए।
वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी विभाग सुनिश्चित करें कि अवशिष्ट राज्यांश की धनराशि सही लेखा शीर्ष में, निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार राजकोष में अनिवार्य रूप से जमा हो। अनुपालन में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा एसएनए प्रणाली के स्थान पर एसएनए रिप्लेसमेंट सिस्टम लागू किए जाने के बाद यह कार्रवाई अनिवार्य हो गई है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि केंद्र से प्राप्त हिस्से (केंद्रांश) को केंद्र सरकार को लौटाया जाएगा, जबकि राज्यांश की अप्रयुक्त धनराशि को राज्य के राजकोष में जमा किया जाना अनिवार्य होगा। इसके लिए सभी विभागों को मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए संबंधित लेखा शीर्षों में चालान जमा कराने का निर्देश दिया गया है।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि राज्यांश की धनराशि वापस जमा करने के लिए लघु शीर्ष 911-घटाएं-अधिक अदायगियों की वसूली का उपयोग किया जाएगा तथा जमा चालान संबंधित विभागीय अनुदान के अधीन रखा जाएगा। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि ऐसी राशि पर ब्याज अर्जित हुआ है, तो उसे भी राजस्व प्राप्ति शीर्ष में अलग चालान के माध्यम से जमा कराना अनिवार्य होगा। आदेश में यह भी निर्देशित किया गया है कि धन जमा करते समय कोषागार द्वारा चालान की प्रति मासिक लेखे के साथ महालेखाकार (उ.प्र.) को भेजी जाए। इसके अलावा, पूंजीगत मद से संबंधित अऩ्यित राज्यांश की वापसी पर 10 जुलाई 2007 के शासनादेश की व्यवस्थाएं लागू रहेंगी।
