पीटीआर प्रकरण : जंगल सफारी के दौरान बाघ को घेरने में रेंजर, फॉरेस्टर और फॉरेस्ट गार्ड हटाए

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बराही रेंज स्थित साइफन पुल पर सफारी वाहनों से बाघ को घेरने के मामले में दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वनमंत्री डॉ. अरुण कुमार का कहना है कि बड़ा गंभीर मामला है, घोर लापरवाही हुई है, बाघ ऐसी स्थिति में हमलावर हो सकता था। प्रारंभिक जांच के बाद बराही रेंज के रेंजर अरुण मोहन श्रीवास्तव, फॉरेस्टर और फॉरेस्ट गार्ड को हटा दिया है। इनके विरुद्ध विभागीय जांच कराई जा रही है।

वनमंत्री ने बुधवार को बताया कि बराही रेंज से हटाए गए रेंजर, फॉरेस्टर व फॉरेस्ट गार्ड का स्पष्टीकरण मांगा गया है। साइफन पुल पर बाध को दोनों तरफ से घेरने वाली सफारी गाड़ियों के चालक, सहयोगी और गाइड को इस सीजन के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। वनमंत्री ने बताया कि जब साइफन पुल पर बाघ को देखा तो एक साइड के सफारी चालकों को तुरंत अपनी गाड़ियां हटा लेनी चाहिए थी। बाघ हमला भी कर सकता था। प्रकरण की जांच रिपोर्ट डीएफओ से तलब की गयी है। माला रेंज के एसडीओ से जांच कराई जा रही है। जांच के बाद दोषी अधिकारी और कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाएगा। गंभीर प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।

दरअसल, बीते रविवार को दूसरी शिफ्ट के दौरान बराही रेंज स्थित साइफन पुल पर सफारी वाहनों से बाघ को घेरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें करीब चार से पांच सफारी वाहन पुल के दोनों छोर से रास्ता घेरे हुए थे और पुल के बीचोबीच खड़ा बाघ असहज दिखाई दे रहा था। डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने सोमवार को उप प्रभागीय वनाधिकारी माला रेंज रुद्रप्रताप सिंह को जांच के आदेश दिए थे।

 

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