प्रीपेड कनेक्शन फिर भी बना दिया हजारों का बकायेदार... पावर कारपोरेशन कर्मियों की कारगुजारी पड़ रही उपभोक्ताओं पर भारी

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Published By Muskan Dixit
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1912 पर शिकायत के बाद भी उपभोक्ताओं की समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान

नीरज अभिषेक, लखनऊ, अमृत विचार: आमतौर पर सभी जानते हैं कि प्रीपेड मीटर मतलब जितना रीचार्ज उतने की ही बिजली आपूर्ति। पैसा खत्म मीटर से करंट डिस्कनेक्ट। लेकिन पावर कारपोरेशन के जिम्मेदारों का खेल देखिए कि ऐसे मीटर रखने वाले उपभोक्ताओं पर भी बकाया ठोंक दिया है। न केवल बकाया जमा करने का फरमान जारी किया है बल्कि नोटिस भी थमा दिए हैं। हजारों का बिल बकाया देख दुकानों, मकानों में प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ता विभागीय जिम्मेदार और कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। यहां तक कि परेशान उपभोक्ताओं ने 1912 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर समस्या के समाधान की गुहार लगाई लेकिन वहां से भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। ऐसे उपभोक्ताओं से अब कर्मचारी-अधिकारी समायोजन कराने के लिए दबाव बना रहे हैं। कुछ उदाहरण देखिए....।

केस नंबर-1

उपभोक्ता- मदन चंद्र कश्यप

प्रीपेड कनेक्शन नंबर-7490019312

बकाया धनराशि-24 हजार के करीब

उपभोक्ता के अनुसार वह अलीगंज के बड़ा चांदगंज निवासी है। उनके घर में प्रीपेड कनेक्शन लगा हुआ है। इसको हर महीने रीचार्ज कराने के बाद ही उनको सप्लाई मिलती है। इसके बाद भी एक सप्ताह पहले 24 हजार रुपये के करीब का बकाया दिखाकर उसके समायोजन का नोटिस उन्हें थमा दिया गया। हेल्पलाइन नंबर 1912 सहित पुरनिया स्थित डिवीजन कार्यालय पर अधिकारियों को प्रीपेड कनेक्शन के बाद भी बकाये की नोटिस मिलने की शिकायत दर्ज कराई लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ हाथ नहीं लगा।

केस नंबर-2

उपभोक्ता -डी. मजूमदार

प्रीपेड कनेक्शन नंबर-822020151676

बकाया धनराशि- 35 हजार के करीब

उपभोक्ता के अनुसार उनकी अमीनाबाद में दुकान है। दुकान में प्रीपेड मीटर का कनेक्शन लगा हुआ था। इस कनेक्शन को रीचार्ज कराने पर कर्मचारियों ने मुझ पर बिजली विभाग का 35 हजार रुपये का बकाया बताया। उसकी अदायगी के बाद ही कनेक्शन को रीचार्ज करने की बात बताई गई। बकाया को खत्म करने के लिए लेसा के सभी हेल्पलाइन नंबरों पर शिकायत की, लेकिन वहां से भी बकाये को खत्म करने में असमर्थता जताई गई।

केस नंबर-3

उपभोक्ता - असित कुमार

कनेक्शन नंबर - 0243112111

बकाया धनराशि- 18 हजार से अधिक

उपभोक्ता ने बताया कि प्रीपेड मीटर का कनेक्शन होने के बाद भी जब बकाया की जानकारी मिली तो हैरत में पड़ गए। समस्या के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की, तो वहां से बकाये को खत्म करने की कोई योजना न होने की बात कहकर केस को बंद कर दिया गया। उपकेंद्र पर कर्मचारी अधिकारियों की मिलीभगत से समस्या के निस्तारण के लिए दबी जुबान सुविधा शुल्क की मांग की जा रही है। ऐसे में हमारे पास बकाये धनराशि को खत्म होने का इंतजार करने के सिवाय कोई और चारा नहीं है।

राजधानी में एक लाख हैं प्रीपेड उपभोक्ता

राजधानी मे एक लाख से अधिक प्रीपेड उपभोक्ता है। इनमें से ज्यादातर उपभोक्ताओं पर हजारों रुपये का बकाया दिखाकर उन्हें बिजली विभाग का कर्जदार बनाए हुए हैं।

इन क्षेत्रों में सबसे अधिक प्रीपेड मीटरों पर बकाए के मामले
सहादतगंज, मौलवीगंज, आलमबाग, अलीगंज, कानपुर रोड,अमीनाबाद, चौक, नादरगंज, मडियांव, तेलीबाग, चिनहट उतरेठिया, बीकेटी, राजाजीपुरम, निशातगंज, महानगर, गुडंबा, आशियाना, बंगला बाजार क्षेत्र के कई प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं पर हजारों रुपये का बकाया दिखाया गया है, जिसके समायोजन के लिए उपभोक्ता अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है।


सिस्टम में तकनीकी खामी के कारण प्रीपेड मीटर पर बकाया दिख रहा होगा। अगर कोई भी उपभोक्ता ऐसी समस्या से पीड़ित है, तो वह अधिकारियों से मिलकर समस्या को दर्ज करा सकता है। उसकी समस्या को तुरंत समाधान किया जाएगा।

वीपी सिंह, मुख्य अभियंता जानकीपुरम जोन

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