अयूपी शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के लिए बड़ी खुशखबरी: किराया-बिजली बिल का 5 महीने पुराना बकाया जल्द होगा साफ!

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : प्रदेश के शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के संचालन को लेकर लंबे समय से चली आ रही वित्तीय अड़चन अब समाप्त होने जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने 15वें वित्त आयोग से प्राप्त बजट को जिला स्वास्थ्य समिति के खाते में हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में एनएचएम ने स्थानीय निकाय निदेशक को पत्र भेज दिया है।

एनएचएम निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने निदेशक अनुज कुमार झा को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि बजट को जिला स्वास्थ्य समिति के खाते में स्थानांतरित किया जाए। बजट खर्च की उपयोग प्रमाण पत्र जिला स्तरीय समिति के माध्यम से स्थानीय निकायों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही एनएचएम ने आरोग्य मंदिरों के भवन किराए को लेकर नई व्यवस्था भी लागू की है। निर्देश दिए गए हैं कि भवन स्वामी, मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) और संबंधित स्थानीय निकाय के बीच त्रिस्तरीय किराया अनुबंध किया जाएगा। इस अनुबंध का मानक प्रारूप सभी निकायों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, सीएमओ, परिवार कल्याण महानिदेशक, एनयूएचएम के जिला नोडल अधिकारियों तथा मंडलीय और जिला स्वास्थ्य सलाहकारों को भेज दिया गया है। इस निर्णय से न केवल आरोग्य मंदिरों का संचालन सुचारु होगा, बल्कि भवन मालिकों और सेवा प्रदाताओं को भी बड़ी राहत मिलेगी। मालूम हो कि प्रदेश में इस समय 1,013 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हो रहे हैं। पिछले करीब पांच महीनों से आरोग्य मंदिरों के भवनों का किराया और बिजली बिल बकाया है। अब बजट हस्तांतरण के फैसले के बाद भवन मालिकों को जल्द ही भुगतान मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

 

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