UPPSC के खिलाफ छात्रों का महाआंदोलन, आयोग पर अभ्यर्थियों के गंभीर आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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प्रयागराजः उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UP PSC) के अभ्यर्थी एक बार फिर आयोग के खिलाफ मुखर हो गए हैं। सोमवार को प्रयागराज स्थित यूपीपीएससी के मुख्यालय पर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन करते हुए परीक्षा में पारदर्शता की आवाज बुलंद की है। अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को लेकर यहां पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। मुख्यालय के बाहर पुलिस PAC और RAF को तैनात किया गया।

समाजवादी छात्रसभा BHU के इकाई अध्यक्ष हिमांशु यादव को BHU चौकी पुलिस ने डिटेन कर  लिया। इसके अलाव कई और छात्र नेता भी डिटेन किए गए हैं। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, उनका यह आंदोलन जारी रहेगा। उनका आरोप है कि रिजल्ट जारी होने के बाद भी कुछ जरूरी जानकारियों को छिपाकर रखना आयोग की मनमानी और धांधली की तरफ इशारा करता है, जो उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। आयोग परीक्षा में पारदर्शिता को लेकर उठते सवालों का समाधान नहीं कर रहा है।

परीक्षा को लेकर छात्रों के कई मुद्दे हैं इसमें एग्जाम के पैटर्न, कैलेंडर में अनियमितता, रिजल्ट में पारदर्शिता और आंसर-की आदि शामिल है। उनकी मांग है कि संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर यूपीपीएससी के मेन एग्जाम से वैकल्पिक विषयों को हटाया जाए।

दरअसल, छात्रों की लंबे समय से यह मांग भी रही है कि अलग-अलग वैकल्पिक विषयों में नंबर देने के तरीके में असमानताएं हैं, इससे किसी विषय विशेष के छात्रों को बेवजह या तो फायदा मिलता है या फिर नुकसान होता है। ऐसे में ऑप्शनल विषयों को हटाया जाना चाहिए।

इसके अलावा यूपी से संबंधित दो नए पेपर शामिल किये जाने चाहिए। इससे उत्तर प्रदेश के छात्रों को ज्यादा फायदा मिल सकेगा। साथ ही, छात्रों को अपने राज्य के विषय में ज्यादा पढ़ने को मिलेगा, जिससे प्रशासन, इतिहास, भूगोल और संस्कृति की बेहतर जानकारी रख सकेंगे।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने कहा कि आंदोलन छात्रों के हित में है और इसमें किसी भी राजनीतिक दल या राजनीतिक व्यक्ति की भागीदारी स्वीकार नहीं की जाएगी। आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल छात्रों के आंदोलन के नाम पर अराजकता फैलाने और अपने राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे हैं। आंदोलन को विशुद्ध रूप से छात्रहित तक ही सीमित रखा जाएगा। मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि छात्रों के नाम पर किसी राजनीतिक दल की रैली या गतिविधि का समर्थन करना उचित नहीं है

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