फर्जी जमानतदारी का बड़ा खेल! पूर्व सांसद को जेल से बाहर लाने की साजिश बेनकाब, तीन पर FIR

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Published By Muskan Dixit
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बलरामपुर, अमृत विचारः पूर्व सांसद को जेल से बाहर लाने के लिए फर्जी पते वाले जमानतदारों के सहारे रची गई साजिश आखिरकार पुलिस जांच में बेनकाब हो गई। जमानत के लिए न्यायालय में प्रस्तुत किए गए दोनों जमानतदारों के पते जांच में पूरी तरह फर्जी पाए गए। सत्यापन के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित जमानतदार ग्राम लालपुर विशुनपुर के निवासी नहीं हैं।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि ग्राम प्रधान द्वारा जारी प्रमाण पत्र से फर्जी पते की पुष्टि हो गई। जांच के अनुसार, जेल में निरुद्ध पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर को जमानत दिलाने के उद्देश्य से जानबूझकर फर्जी पते वाले व्यक्तियों को जमानतदार बनाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पूर्व सांसद समेत तीन लोगों के खिलाफ अनुचित लाभ पहुंचाने और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने जैसे आरोपों में एफआईआर दर्ज की है। सूत्रों के अनुसार, जिन जमानतदारों के कागजात न्यायालय में दाखिल किए गए थे, उनकी सत्यापन जांच थाना ललिया पुलिस द्वारा कराई गई थी, जिसमें पूरा मामला उजागर हुआ।

जानकारी के मुताबिक, रोज अली और मोहर्रम अली निवासी ग्राम परसिया गोसाईं, थाना ललिया, जनपद बलरामपुर द्वारा 28 नवंबर 2025 को झांसी के ललितपुर जेल में बंद पूर्व सांसद को जमानत दिलाने का प्रयास किया गया था।
पुलिस का कहना है कि सत्यापन के दौरान जमानतदारी फर्जी पाए जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है। पूर्व सांसद की मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ती नजर आ रही हैं।

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