Christmas Special: चर्च ऑफ़ सेवियर भी है डालीगंज मेथोडिस्ट चर्च

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: डालीगंज में स्थित मेथोडिस्ट चर्च सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है। इस चर्च के पास ही मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा भी है। चारों धर्मस्थलों के बीच गजब का संतुलन भी है। गोमती तट पर बनी ये चर्च शिक्षा के प्रसार की कोशिशों का प्रतीक भी है। क्रिश्चयन कालेज बनाने वाले ब्रेंटेन हेनली ने 1885 में मिशन स्कूल शुरू कराया। 1925 में मुख्य इमारत मेथोडिस्ट चर्च में बदल गई और स्कूल को बगल में शिफ्ट कर दिया गया। स्कूल यहां अभी भी चलता है।

गोमती नदी का तट होने की वजह से चर्च को सड़क से 10 फुट ऊंचा बनाया गया। इससे 1923, 1939, 1960 और 1971 आई भयंकर बाढ़ में भी चर्च तक पानी नहीं पहुंचा। चर्च ही आसपास के लोगों के लिए आश्रय स्थल बना था। इस वजह से इस चर्च को चर्च ऑफ़ सेवियर के नाम से भी पहचाना जाता है।

हर तीन साल में स्थानांतरित हो जाते हैं पादरी

डालीगंज चर्च की विशेषता यह है कि यहां पादरी का पद स्थानान्तरण वाला पद है। कोई भी पादरी यहां 3 साल से ज्यादा नहीं रह सकता। यहां पर कुर्सी रोड चर्च के पादरी काशीनाथ को लाया गया है। इस चर्च में पहले पादरी के रूप में काम कर रहे शैलेश टाइटस को कुर्सी रोड भेज दिया गया। यह चर्च बाहर से बहुत साधारण इमारत सा है लेकिन भीतर से बेहद खूबसूरत है। चर्च के एक तरफ पादरी का आवास और दूसरी तरफ स्कूल है। चर्च कार्यकारिणी के सदस्य संजोग वाल्टर ने बताया कि यह चर्च साम्प्रदायिक सद्भाव और आपसी प्रेम का प्रतीक है। आसपास के दुकानदार चर्च के पास लम्बे समय से कूड़ा फेंकते आ रहे हैं लेकिन चर्च प्रबंधन ने कभी किसी से झगड़ा नहीं किया। किसी जनप्रतिनिधि या नगर निगम ने यह सोचा नहीं कि धार्मिक स्थल का दरवाजा साफ़ सुथरा रहना चाहिए।

कैसे पहुंचें

डालीगंज पुल से आईटी कालेज जाने वाली सड़क पर डालीगंज मेथोडिस्ट चर्च है। यह चर्च डालीगंज पुल से 200 मीटर, मनकामेश्वर मंदिर से एक किलोमीटर, आईटी कालेज से दो किलोमीटर की दूरी पर है। यह चर्च हर समय चलने वाली सड़क पर है, यहां पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं है।

कैथेड्रल जोड़ :- 

कैथेड्रल चर्च में क्रिसमस में होने वाले नाटक और बच्चों के अन्य कार्यक्रमों का रिहर्सल चल रहा है। बच्चे रंगबिरंगी पोशाकों में पूरे उत्साह के साथ रिहर्सल में शामिल हो रहे हैं। प्रभु के आगमन के लिए जागते रहो और प्रार्थना करते रहो की थीम पर चर्च में तैयारियां चल रही हैं।

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