कड़ाके की ठंड का गहरा असर: ट्रेनें लेट, सड़कें सुस्त सिर्फ फसलें ही खुश, बाजार मायूस
बाराबंकी, अमृत विचार। लगातार दूसरे दिन घना कोहरा छाए रहने से जिले में कड़ाके की ठंड का असर चरम पर पहुंच गया। शनिवार की शाम कुछ देर के लिए धूप जरूर निकली, लेकिन ठिठुरन और गलन इतनी तीखी रही कि यह धूप भी राहत देने में नाकाम साबित हुई। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक आमजन कड़ाके की ठंड से बेहाल नजर आया, वहीं यह सर्दी अब जीव-जंतुओं के लिए भी जानलेवा साबित होने लगी है। हालांकि गेहूं की फसल के लिए यह मौसम बेहद मुफीद साबित हो रहा है।
न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहा, जबकि कोहरे का कहर दिन-रात लगातार जारी रहा। सूर्यदेव की तपिश न के बराबर होने से सर्दी का असर और बढ़ गया है। दिसंबर माह समाप्त होते-होते ठंड ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं और फिलहाल हर ओर इसी की चर्चा है। गुरुवार रात गहराए कोहरे ने शुक्रवार को पूरे दिन सूरज को बाहर ही नहीं निकलने दिया। शनिवार को भी पूरे दिन धूप नदारद रही और शाम के समय निकली हल्की धूप बेअसर साबित हुई। मजबूरी में लोग गर्म कपड़ों में लिपटे रहे और ब्लोअर, अलाव व हीटर का सहारा लेते दिखे। ठंड के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा, जबकि सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक कोहरे की चादर से ढके मार्गों पर बड़े वाहनों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। पालतू पशुओं को छोड़ खुले में टहलते जीव जंतुओं के लिए सर्दी जानलेवा साबित हाे रही है।
ट्रेनें हुईं विलंबित, यात्री हलकान
शनिवार को अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल ठंड और कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद कम है। कोहरे का सबसे अधिक असर रेल यातायात पर पड़ा है। इसी दौरान गोण्डा ट्रैक पर जहांगीराबाद में तीसरी रेल लाइन के निर्माण कार्य के चलते ब्लॉक लिया गया, जिससे बरौनी एक्सप्रेस, इंटरसिटी समेत कई ट्रेनें दो से तीन घंटे तक विलंबित रहीं। शनिवार को भी घने कोहरे के कारण ट्रेनें लेटलतीफ बाराबंकी स्टेशन पहुंचीं, जिससे रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
ठंड व कोहरा गेहूं की फसल के लिए वरदान
जहां एक ओर ठंड और कोहरा जनजीवन को प्रभावित कर रहे हैं, वहीं गेहूं की फसल के लिए यह मौसम बेहद मुफीद साबित हो रहा है। उपनिदेशक कृषि डीके सिंह के अनुसार 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तापमान गेहूं की बढ़वार के लिए आदर्श माना जाता है। इस तापमान में पौधे मजबूत होते हैं और उनमें फुटाव बेहतर होता है, जिससे आगे चलकर पैदावार में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोहरे और ठंड से खेतों में प्राकृतिक नमी बनी रहती है, जो जड़ों के विकास में सहायक होती है और मिट्टी के कटाव को भी रोकती है।
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