Year Ender 2025: तकनीक से चमकी माध्यमिक शिक्षा: स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड और ऑनलाइन लर्निंग का जोरदार विस्तार

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Published By Muskan Dixit
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मार्कण्डेय पाण्डेय, लखनऊ, अमृत विचार: माध्यमिक शिक्षा परिषद के लिए ये वर्ष नवाचार, तकनीक और कौशल आधारित शिक्षण की प्रयोगशाला बना रहा। नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों के अनुरूप विभाग ने कौशल आधारित शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा को जहां बढ़ावा दिया तो वहीं, ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षण का विस्तार भी किया गया। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रायोगिक से लेकर लिखित परीक्षा तक हेल्पलाइन डेस्क का प्रयोग किया गया जिसका प्रदेश भर के छात्रों ने लाभ उठाया। मनाेवैज्ञानिक काउंसलिंग से लेकर छात्रों के लिए तरह-तरह की ज्ञानवर्धक सुविधाओं का विस्तार यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार हुआ है।

लखनऊ मंडल के जेडी माध्यमिक शिक्षा डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 में माध्यमिक शिक्षा विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धि शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार रही है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम में कौशल आधारित शिक्षा, व्यावसायिक विषयों और जीवनोपयोगी कौशल को शामिल किया गया है। इसके अलावा स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड और ऑनलाइन शिक्षण संसाधनों के विस्तार से शहरी ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी लाभान्वित हुए हैं। विद्यालय स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं को प्राथमिकता दी गई और विभिन्न स्कूली खेलों के आयोजन विद्यालय, जनपद, मंडल व राज्य स्तर पर सफ़लता पूर्वक आयोजित किए गए। डॉ. सिंह ने बताया कि नए वर्ष में ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट क्लास और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने का हम सभी का लक्ष्य है। उपलब्धियों के साथ चुनौतियां भी सामने आईं, जिनसे सीख लेकर भावी लक्ष्यों को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा रहा है।

शिक्षकों का प्रशिक्षण भी हुआ

इस वर्ष शिक्षकों के प्रशिक्षण और क्षमता संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया गया। नियमित कार्यशालाओं, ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल व विषय विशेषज्ञों के माध्यम से शिक्षण पद्धतियों को आधुनिक बनाया गया।

छात्रवृत्ति योजनाओं का हुआ विस्तार

छात्रवृत्ति योजनाओं, निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण और बालिकाओं के लिए प्रोत्साहन योजनाओं ने नामांकन और उपस्थिति में इस वर्ष रिकार्ड बढोत्तरी हुई है। इतना ही नहीं, विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं को आर्थिक लाभ व पुरस्कार भी वितरित किए हैं।

नकल मुक्त परीक्षा के लिए तकनीक का प्रयोग

बोर्ड परीक्षाओं के संचालन में पारदर्शिता लाने के लिए नकलविहीन परीक्षा प्रणाली को और सशक्त किया गया है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में तकनीक के प्रयोग से परिणाम समयबद्ध घोषित हुए हैं, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा में प्रवेश में सुविधा मिली है। परीक्षाओं की निगरानी के लिए इलेक्ट्रानिक माध्यमों का प्रयोग शुरु किया गया जिससे नकल पर लगाम लगी है।

आगामी लक्ष्य

1-आगामी वर्षों में माध्यमिक शिक्षा विभाग का प्रमुख लक्ष्य समावेशी, गुणवत्तापूर्ण और रोजगारोन्मुख शिक्षा सुनिश्चित करना है। प्रत्येक विद्यालय में आधुनिक प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगी। शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को तेज कर रिक्त पदों को भरने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

2-डिजिटल शिक्षा को और सुदृढ़ करते हुए सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करने के लिए टैबलेट, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म और हाइब्रिड शिक्षण मॉडल को बढ़ावा दिया जाएगा। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु खेल, कला, संस्कार और कॅरियर मार्गदर्शन को पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग बनाया जाएगा।

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