अनाथ बच्चों के हिस्से को खा गए तीन लोग, मिशनरी संस्थान से 11 लाख के गबन में कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ, अमृत विचार: अनाथ बच्चों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर संस्थागत धन के दुरुपयोग करने वाले तीन पर पारा थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर सेंट मेरी स्कूल, पारा रोड निवासी मोस्ट रेवरेंड जन अगस्टीन की तहरीर पर पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मोस्ट रेवरेंड जन अगस्टीन के अनुसार वह सेंट मेरिज एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी और वर्ल्ड मिशनरी एवंगेलिज्म संस्थाओं के चेयरमैन हैं। इन संस्थाओं द्वारा देशभर में अनाथ और गरीब बच्चों के लिए बाल गृह संचालित किए जाते हैं। इसी क्रम में कोयंबटूर स्थित ईगल्स मेमोरियल बाल गृह का संचालन किया जा रहा था, जिसकी जिम्मेदारी वर्ष 1985 से एस. जयबाल के पास थी। वर्ष 2014 से 2021 के बीच एस. जयबाल ने अपने बेटे जे. योवू जया प्रभुदास और सहयोगी वाई. पआकरण के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा। बाल गृह में बच्चों की वास्तविक मौजूदगी न होने के बावजूद बच्चों के फोटो, माता-पिता का विवरण और केस हिस्ट्री जैसे कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लखनऊ स्थित संस्था को भेजे गए। इन्हीं फर्जी कागजातों के आधार पर संस्था के बैंक खातों से करीब 11 लाख रुपये निकालकर निजी उपयोग में ले लिए गए।
मोस्ट रेवरेंड जन अगस्टीन ने बताया कि वर्ष 2021 में शिकायतों के बाद एस. जयबाल को पद से हटा दिया गया, लेकिन उसने कार्यभार नहीं सौंपा। बाद में की गई जांच और मद्रास हाईकोर्ट में दायर हैबियस कॉर्पस याचिका से यह सामने आया कि बाल गृह में वर्ष 2014 से ही बच्चे नहीं थे। इसके बावजूद धनराशि नियमित रूप से ली जाती रही। उन्होंने 6 फरवरी 2025 को थाना पारा में शिकायत दी थी। जिस पर जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। इसके बाद 13 जून 2025 को सहायक पुलिस आयुक्त काकोरी को भी लिखित बयान दिया गया, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। कार्रवाई न होने पर उन्होंने न्यायालय की शरण ली है। कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
