हल्द्वानी: रेलवे की जमीन पर रह रहे चार हजार से अधिक लोगों की बढ़ी मुश्किलें

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हल्द्वानी, अमृत विचार। रेलवे की जमीन पर रह रहे चार हजार से अधिक लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाई कोर्ट ने नैनीताल के जिलाधिकारी को सात अप्रैल तक सर्वे रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। साथ ही रेलवे को 4365 अतिक्रमणकारियों के खिलाफ पीपी एक्ट की कार्रवाई के लिए तीन महीने का समय …

हल्द्वानी, अमृत विचार। रेलवे की जमीन पर रह रहे चार हजार से अधिक लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाई कोर्ट ने नैनीताल के जिलाधिकारी को सात अप्रैल तक सर्वे रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। साथ ही रेलवे को 4365 अतिक्रमणकारियों के खिलाफ पीपी एक्ट की कार्रवाई के लिए तीन महीने का समय दिया है। इस दौरान सभी नोटिसों पर सुनवाई पूरी करने को कहा है।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हल्द्वानी के गौलापार निवासी रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि से हाई कोर्ट ने नौ नवम्बर 2016 को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद अतिक्रमणकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली तो कोर्ट ने तीन महीने में अतिक्रमणकारियों के प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के बाद कार्रवाई के आदेश दिए थे।

जिसके बाद छह मार्च 2017 को हाई कोर्ट ने फिर रेलवे को अतिक्रमण हटाने के आदेश दे दिए लेकिन रेलवे हाई कोर्ट में समय की मांग को लेकर आई तो 31 मार्च 2020 तक सभी सुनवाई पूरी कर लें। लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं होने पर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की तो रेलवे ने कोर्ट से समय की मांग की है कि उनको कुछ समय और दिया जाए।

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