बरेली: सर्किट हाउस से हुआ अपहरण, पुलिस की खामोशी पर जांच शुरू

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बरेली, अमृत विचार। सर्किट हाउस चौराहे से दिनदहाड़े किशोरी के अपहरण के मामले को कोतवली पुलिस 24 घंटे तक दबाए रही। मामला झूठा बताकर घटना से इनकार कर दिया गया था। आरोपियों द्वारा पुलिसकर्मी पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश के मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए …

बरेली, अमृत विचार। सर्किट हाउस चौराहे से दिनदहाड़े किशोरी के अपहरण के मामले को कोतवली पुलिस 24 घंटे तक दबाए रही। मामला झूठा बताकर घटना से इनकार कर दिया गया था। आरोपियों द्वारा पुलिसकर्मी पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश के मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आईजी रेंज रमित शर्मा ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को कोतवाली पुलिस की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट के बाद पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है।

गुरुवार को सर्किट हाउस के सामने से सरेआम दो लोगों ने एक किशोरी को कार में खींचकर अगवा कर लिया था। आसपास के लोगों के शोर मचाने पर सर्किट हाउस से पुलिस कर्मी बाहर आया। उसने गाड़ी को रोकने की कोशिश की लेकिन हमलावर उस पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश करते हुए फरार हो गये। पीड़ित पुलिस कर्मी ने कार का नंबर नोट कर लिया।

इसके बावजूद कोतवाली पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उनसे जब घटना के बारे में पूछा तो गया तो उन्होंने घटना होने से ही इनकार कर दिया। शुक्रवार को जब मामला आईजी रेंज रमित शर्मा के संज्ञान में आया तो उन्होंने एसएसपी को कोतवाली पुलिस की भूमिका की जांच के निर्देश दिए। चार घंटे में पुलिस ने पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी। पुलिस ने बताया कि युवती को उसके मामा और भाई गाड़ी में डालकर ले गए थे।

दरअसल हाफिजगंज की रहने वाली युवती के भुता के एक युवक सोनू पटेल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वह शादी करने के इरादे से बरेली आई थी। इसकी सूचना जब घरवालों को मिली तो वह जबरस्ती उसे गाड़ी से ले गए। हालांकि इस मामले में उन्होंने एक पुलिसकर्मी पर भी गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की।

मामला ऑनर किलिंग का भी हो सकता था लेकिन पुलिस ने इस पूरे मामले में तत्परता और गंभीरता नहीं दिखाई। इस लापरवाही की वजह से बड़ी घटना हो सकती थी। इन सभी तथ्यों का संज्ञान लेते हुए आईजी ने एसएसपी को मामले की जांच करवा कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट में गलती मिलने पर इंस्पेक्टर कोतवाली के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।

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