बरेली: मेंटर-मेंटी कंसेप्ट से कमजोर छात्र बनेंगे बेहतर

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बरेली, अमृत विचार। कक्षा के कमजोर छात्रों को प्रोत्साहित किया जाए तो वह बेहतर कर सकते हैं। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों के लिए मेंटर-मेंटी कंसेप्ट शुरू किया है। इसके तहत शिक्षक को मेंटर और छात्रों को मेंटी बनाया जाएगा। इंजीनियरिंग और प्रबंधन विभाग में लागू इस व्यवस्था को विश्वविद्यालय परिसर के सभी विभागों …

बरेली, अमृत विचार। कक्षा के कमजोर छात्रों को प्रोत्साहित किया जाए तो वह बेहतर कर सकते हैं। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों के लिए मेंटर-मेंटी कंसेप्ट शुरू किया है। इसके तहत शिक्षक को मेंटर और छात्रों को मेंटी बनाया जाएगा। इंजीनियरिंग और प्रबंधन विभाग में लागू इस व्यवस्था को विश्वविद्यालय परिसर के सभी विभागों में लागू किया जाएगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के सामने नैक मूल्यांकन के प्रस्तुतीकरण के दौरान इस बारे में भी जानकारी दी गई। इस सत्र से प्रवेश लेने वाले छात्रों के मेंटर प्रवेश के दौरान ही नियुक्त कर दिए जाएंगे।

इस कंसेप्ट के तहत सभी विभाग में तैनात शिक्षकों को मेंटर बनाया जाएगा। इसके तहत यदि किसी विभाग में 40 छात्र और चार शिक्षक हैं तो एक शिक्षक को मेंटर बनाकर उसके अंतर्गत 10 मेंटी रखे जाएंगे। मेंटर की जिम्मेदारी होगी कि वह मेंटी की सभी कमियों को दूर करे। यदि वह पढ़ने में कमजोर हैं तो उसे अलग से समय देकर जानकारी दे।

इसके अलावा मेंटी भी अपने मेंटर से सीधे संपर्क कर अपनी समस्या का हल निकाल सकता है। मेंटर एक अभिभावक की तरह कार्य करेगा। यदि छात्र को अन्य कोई समस्या होती है तो उसमें भी मदद करेगा। मेंटर छात्र के घर पर जाकर भी बात कर सकता है। मेंटर को मेंटी छात्रों के साथ दो से तीन सप्ताह में एक बैठक भी करनी होगी।

कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि बड़े संस्थानों में इस तरह का कंसेप्ट पहले से लागू है। अब इसे रुहेलखंड विश्वविद्यालय में भी लागू किया जा रहा है। इसके तहत मेंटर को मेंटी की सम्पूर्ण विकास का ध्यान रखना होता है। मेंटर को छात्र की आर्थिक स्थिति, मानसिक स्थिति, घर की स्थिति व अन्य का ध्यान रखना होता है। उसे कोई छात्र परेशान तो नहीं कर रहा है। उसे किसी शिक्षक से तो कोई दिक्कत नहीं है।

यहां तक कि मेंटर को उसके परिजनों से भी संपर्क करना होता है। यदि छात्र दूर रहता है तो उसके अभिभावक से ऑनलाइन भी संपर्क करना होता है। यदि अभिभावक परिसर में आते हैं तो भी मेंटर उससे मिलता है। इस सत्र से इस कंसेप्ट को लागू कर दिया जाएगा। प्रवेश के समय ही मेंटर व उसके मेंटी नियुक्त कर दिए जाएंगे। नैक मूलयांकन की रैंकिंग बेहतर बनाने के लिए अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं।

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