बरेली: नन्हें लंगड़ा के आशियाना को छह जेसीबी भी नहीं कर पा रही ध्वस्त, कल भी जारी रहेगा अभियान
बरेली, अमृत विचार। दशकों के स्मैक तस्करी की कमाई से बनाया गया नन्हें लंगड़ा उर्फ रियासत का अशियाना बैंक्वेट हाल टूटने का नाम नहीं ले रहा है। बीडीए की छह जेसीबी उसे तोड़ने में जुटी है मगर उसके पिलर नहीं हिला पा रही। इसलिए अब बीडीए ने उसके पिलरों को तोड़ने के लिए पोकलेन मंगवाई …
बरेली, अमृत विचार। दशकों के स्मैक तस्करी की कमाई से बनाया गया नन्हें लंगड़ा उर्फ रियासत का अशियाना बैंक्वेट हाल टूटने का नाम नहीं ले रहा है। बीडीए की छह जेसीबी उसे तोड़ने में जुटी है मगर उसके पिलर नहीं हिला पा रही। इसलिए अब बीडीए ने उसके पिलरों को तोड़ने के लिए पोकलेन मंगवाई है। बताया जाता है कि इस पोकलेन की मदद से पहाड़ों के बड़े और सख्त बोल्डर तोड़ने का काम किया जाता है। उससे अब नन्हें लंगड़ा का आशियाना ध्वस्त किया जाएगा।
बैंक्वेट हॉल के पिलर सबसे ज्यादा मजबूत बने है
बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) स्मैक तस्कर के बेशकीमती आशियाना नाम के बैंक्वेट हाल को तोड़ने के लिए ध्वस्तीकरण के दूसरे दिन शुक्रवार को भी अभियान चलती रही। बीडीए के अधिकारियों का कहना है कि इस बैंक्वेट हाल को तोड़ने के लिए छह जेसीबी लगवाई गईं थी। इनकी मदद से बैंक्वेट हाल को काफी हद तो तोड़ दिया गया है लेकिन उसके पिलर बहुत ही ज्यादा मजबूत बने हैं। इसलिए छह जेसीबी मिलकर भी उसे हटाने में सफल नहीं हो पा रही है। इसलिए अब पोकलेन मशीन को मंगवाया जा रहा है। इस मशीन से शनिवार को तस्कर के बने बैंक्वेट हाल को तोड़ने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा। बीडीए अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान में सरकार का कितना खर्च हुआ है, इसकी तस्कर से वसूली करने के लिए जल्द ही आंकलन किया जाना है।
इस बारे में बीडीए वीसी जोगिंदर सिंह का कहना है कि रियासत उर्फ नन्हें लंगड़ा के फतेहगंज पश्चिमी में बने बैंक्वेट हाल को तोड़ने के लिए छह जेसीबी पहले से लगी हैं लेकिन यह बिल्डिंग काफी मजबूत बनी है। इसलिए इसे तोड़ने के लिए पोकलेन भी मंगवाई जा रही है।
