लखनऊ: बिजली कर्मियों ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन पर लगाया आरोप, की ये मांग
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन पर ऊर्जा निगमों में कार्य का वातावरण बिगाड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। इस दौरान उन्होंन ऊर्जा मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। बता दें कि संघर्ष समिति की लखनऊ में हुई बैठक में चेयरमैन और शीर्ष …
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन पर ऊर्जा निगमों में कार्य का वातावरण बिगाड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। इस दौरान उन्होंन ऊर्जा मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
बता दें कि संघर्ष समिति की लखनऊ में हुई बैठक में चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन के दमनकारी अलोकतांत्रिक रवैये की घोर आलोचना करते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को पत्र प्रेषित कर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की गई। संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों वी पी सिंह, प्रभात सिंह, जी वी पटेल, जय प्रकाशआदि को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि प्रबंधन की मुख्य जिम्मेदारी यह है कि बिजली उत्पादन, पारेषण, वितरण, राजस्व वसूली और उपभोक्ता को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए कर्मचारियों को समुचित संसाधन उपलब्ध कराए।
प्रबन्धन की ओर से हाल ही में पदोन्नतियों की नियमावली में कई प्रतिकूल परिवर्तन किए गए हैं। जिससे उत्कृष्ट और अति उत्तम वार्षिक रिपोर्ट होते हुए भी कार्मिकों को बड़े पैमाने पर पदोन्नति से वंचित किया गया है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम से बिना कोई कारण बताए लगभग दो दर्जन जूनियर इंजीनियरों व अभियन्ताओं को उत्पीड़न की दृष्टि से बिना किसी नीति के पूर्वांचल व अन्य डिस्कामों में स्थान्तरित कर दिया गया है।
प्रबन्धन के इस अन्यायपूर्ण कृत्य का लोकतांत्रिक ढंग से विरोध कर रहे अभियन्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। संघर्ष समिति की मांग है कि पश्चिमांचल में किए गए एकतरफा अन्यायपूर्ण स्थानान्तरण आदेश तत्काल निरस्त किए जाए। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि पश्चिमांचल, प्रदेश में लोकतांत्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे कार्मिकों पर कोई भी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी और इसका सशक्त प्रतिकार किया जाएगा।
