बरेली: गांवों से निकली प्रतिभा, संचित और रजत बने आईएएस
रिछा/भदपुरा/सिरौली, अमृत विचार। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। गांव व कस्बों में भी प्रतिभाएं छिपी हुई हैं। सिविल सर्विस की परीक्षा पासकर आईएएस बने जिले के तीन युवकों ने इसे साबित किया है। हिमांशु गुप्ता के अलावा संचित और रजत ने भी आईएएस बनकर जिले के साथ मंडल और प्रदेश का नाम भी …
रिछा/भदपुरा/सिरौली, अमृत विचार। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। गांव व कस्बों में भी प्रतिभाएं छिपी हुई हैं। सिविल सर्विस की परीक्षा पासकर आईएएस बने जिले के तीन युवकों ने इसे साबित किया है। हिमांशु गुप्ता के अलावा संचित और रजत ने भी आईएएस बनकर जिले के साथ मंडल और प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। तीनों के आईएएस बनने पर लोग गर्व महसूस कर बधाई दे रहे हैं।
मजदूर, किसान और दुकानदार के बेटे सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर अन्य युवाओं में भी उम्मीदें जगा दी हैं। देवरनियां के ग्राम गुना हट्टू निवासी पूरन लाल पाल ने बताया कि उन्होंने सितारगंज में एक निजी कंपनी में मजदूरी करते अपने पुत्र रजत व पुत्री गरिमा को उच्च शिक्षा प्राप्त कराई है। रजत ने काशीपुर सेंट मारिया स्कूल से हाई स्कूल की परीक्षा 2011 में 85 प्रतिशत से उत्तीर्ण की। काशीपुर से ही इंटर की परीक्षा 2013 में 78 प्रतिशत से उत्तीर्ण की।
राम मूर्ति स्मारक से इलेक्ट्रिकल से बीटेक 2017 में 72 प्रतिशत से उत्तीर्ण किया। 2018 में आईएएस की परीक्षा में कामयाबी नहीं मिली। अगले साल मेन परीक्षा से बाहर हो गए। 2020 में उन्होंने प्री, मेन व इंटरव्यू निकालकर आल इंडिया में 394 रैंक पाकर परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। इससे पूर्व रजत ने पीसीएस की परीक्षा भी यूपी में 43 रैंक लाकर पास कर ली। रिजल्ट आते ही घर में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने बताया कि वह दिल्ली में रहकर प्रतिदिन 8 घंटे पढ़ते थे। अपनी कामयाबी के पीछे मां-पिता व अपने ताऊ को श्रेय देते हैं। उनकी बहन गरिमा ने भी गेट की परीक्षा में 10 वीं रैंक पाई।
किसान के बेटे ने आईएएस में हासिल की 222वीं रैंक
विकास खंड के ग्राम केला डांडी के रहने वाले संचित गंगवार पुत्र पीयल गंगवार ने आईएएस बनकर परिवार वालों व क्षेत्र का गौरव बढ़ाया। इस पर क्षेत्र में खुशी का माहौल है। संचित ने 222वीं रैंक पायी है। लोगों ने संचित गंगवार को मिठाई खिलाकर बधाई दी। उन्होंने बताया कि उनके पिता पूरन लाल किसान हैं। पीलीभीत के एक निजी कॉलेज में उन्होंने 2005 में 92 प्रतिशत व 2007 में इंटर में मंडल टॉप किया। उनके भाई अशोक कुमार एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं।
2008 में उन्होंने ग्रेजुएशन किया और 2010 में बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने। 2011 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। 2019 में प्रयागराज में समीक्षा अधिकारी की नौकरी की। इसके बाद 2019 में 699वीं रैंक और फिर 2021 में 222 वीं रैंक हासिल की। चयन होने पर प्रधान पति रविंद्र गंगवार, ब्लॉक अध्यक्ष भाकियू हीरालाल, ओमपाल गंगवार, प्रेमपाल गंगवार आदि लोगों ने उन्हें बधाई दी।
हिमांशु के पिता संतोष गुप्ता का किया स्वागत
शनिवार शाम पांच बजे मुख्य मार्केट स्थित व्यापारियों ने संयुक्त रूप से एक स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सिविल सेवा परीक्षा में 139 भी रैंक प्राप्त करने वाले हिमांशु गुप्ता के पिता संतोष गुप्ता का इसरार अंसारी, सतीश गुप्ता, इकबाल अंसारी, कल्लू सिंह, विजय सर्राफ के अलावा दर्जनों व्यापारियों ने फूल-माला पहनाकर स्वागत किया। मिष्ठान वितरण किया। व्यापारियों का कहना है कि हिमांशु ने कस्बे के अलावा जिले का भी नाम रोशन किया है। इस मौके पर डा. छोटे लाल गुप्ता, विनीत गुप्ता, अफजाल अंसारी, बब्बल गुप्ता के अलावा कई व्यापारी मौजूद रहे।
