लखनऊ: नवरात्रि के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, कोविड प्रोटोकॉल के तहत करवाया जा रहा दर्शन

लखनऊ: नवरात्रि के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, कोविड प्रोटोकॉल के तहत करवाया जा रहा दर्शन

लखनऊ। नवरात्र के आखिरी दिन जिले के सभी देवी मंदिरों में भक्तों का सुबह से तांता लगा रहा। हवन पूजन के साथ लोगों ने कन्या पूजन भी किया। वहीं चौक स्थित संतोषी माता के मंदिर में हवन पूजन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। कालीजी मंदिर लखनऊ के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से …

लखनऊ। नवरात्र के आखिरी दिन जिले के सभी देवी मंदिरों में भक्तों का सुबह से तांता लगा रहा। हवन पूजन के साथ लोगों ने कन्या पूजन भी किया। वहीं चौक स्थित संतोषी माता के मंदिर में हवन पूजन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

कालीजी मंदिर

लखनऊ के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक काली जी मंदिर भी है। यह मंदिर मां काली को समर्पित है। इस ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। मान्यता है कि यहां सबकी मनोकामना पूरी होती है। बता दें कि देवी दर्शन करने के लिए राजधानी के नौ मशहूर मंदिरों में से एक चौक स्थित बड़ी काली माता मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। इस मंदिर का इतिहास सात सौ साल पुराना है। बताया जाता है कि शंकराचार्य ने माता की मूर्ति की स्थापना की थी, जिस काली मां की पूजा होती है वो लक्ष्मी-विष्णु की मूर्ति है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजन करने से हर किसी की मनोकामना पूर्ण होती है और उसके जीवन मे सुख समृद्धि का वास होता है। काली जी अपनी पूरी कृपा से श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दे कर उनका कल्याण करती हैं।

चंद्रिका देवी मंदिर

इस मंदिर को कात्यायनी शक्तिपीठ भी माना जाता है। नवरात्र में यहां पर विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। इस खूबसूरत मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। यह लखनऊ के बख्शी का तालाब के सबसे बड़े मंदिरों में से एक माना जाता है।  कहा जाता है कि गोमती नदी के समीप स्थित महीसागरसंगम तीर्थ के तट पर एक पुराने नीम के वृक्ष के कोटर में नौदुर्गाओं के साथ उनकी वेदियां चिरकाल से सुरक्षित रखी हुई हैं। यहां शंकर जी की विशालकाय प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है। पुराणों के अनुसार इस धाम में श्राप मुक्ति के लिए चन्द्रमा को भी स्नान करने के लिए आना पड़ा था।

मंदिरों में हो रहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन

राजधानी लखनऊ में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मंदिरों को बंद कर दिया गया था। ऐतिहासिक सिद्ध पीठ कालीजी मंदिर, संतोषी माता मंदिर और चंद्रिका देवी मंदिर में भक्तों से कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है।