बरेली: जर्जर हो रहा किला पुल, मरम्मत के लिए नहीं मिले 85 लाख

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बरेली, अमृत विचार। शहर के निकले दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बना सिटी का सबसे पुराना किला ओवरब्रिज लगातार जर्जर हो रहा है, जबकि इस पर ट्रैफिक का हर समय काफी दबाव रहता है। पीडब्ल्यूडी ने इस पुल की मरम्मत के लिए करीब ढाई साल पहले आईआईटी रुड़की की टेक्निकल टीम को बुलाकर सर्वे कराने का आग्रह …

बरेली, अमृत विचार। शहर के निकले दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बना सिटी का सबसे पुराना किला ओवरब्रिज लगातार जर्जर हो रहा है, जबकि इस पर ट्रैफिक का हर समय काफी दबाव रहता है। पीडब्ल्यूडी ने इस पुल की मरम्मत के लिए करीब ढाई साल पहले आईआईटी रुड़की की टेक्निकल टीम को बुलाकर सर्वे कराने का आग्रह शासन से किया था, लेकिन सुनवाई नहीं हुई है। इसके बाद सेतु निगम ने सर्वे करने के बाद करीब 85 लाख रुपये का आगणन तैयार करके उसे शासन में भेजा था। इसकी स्वीकृति न मिलने से मरम्मत का कार्य अटक गया है।

किला ओवरब्रिज शहर का सबसे पुराना पुल है। पुराने एनएच-24 का हिस्सा होने के कारण इस पुल से निकलने वाले वाहनों की संख्या काफी अधिक है। करीब 40 साल पुराना पुल लंबे समय से जर्जर हो चुका है। पुल के किनारे पर बने फुटपाथ और सड़क की सतह एक बराबर हो गई है। इसके साथ ही पुल की सभी रेलिंग बेहद जर्जर हो चुकी हैं। अभी कुछ दिन पहले किला पुल की लोहे की रेलिंग का कई मीटर हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया था। इसके बाद इसकी मरम्मत को करा दी गई है लेकिन सुरक्षा के लिहाज से पुल की मरम्मत नए सिरे से कराई जानी बेहद जरूरी है।

करीब छह महीने पहले शासन ने प्रदेश भर के 31 पुराने पुलों की मरम्मत कराने की घोषणा की थी। इसके चलते दिल्ली की एक्सपर्ट की टीम के साथ सेतु निगम के लखनऊ के अधिकारियों ने आकर पुल का सर्वे किया था। इसके आधार पर सेतु निगम ने पुल की मरम्मत के लिए 85 लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार किया। इस एस्टीमेट को पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने लखनऊ स्थित मुख्यालय भेजा था। इस पुल की मरम्मत के लिए शासन से मंजूरी मिलने में लगातार देरी हो रही है। ऐसे में जर्जर हो चुके पुल पर हर वक्त भारी वाहनों के निकलने के दौरान हादसे की आशंका बनी रहती है। चीफ इंजीनियर मुस्तसीन निसार का कहना है कि पुल की मरम्मत के लिए एक बार फिर से शासन से पैरवी की जाएगी।

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