कानपुर: धड़ल्ले से चल रहा मिट्टी खनन का कारोबार, अधिकारी मौन
कानपुर। प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश में मिट्टी खनन पर सख्ती से अंकुश लगाने की बात कर रही है। लेकिन महराजपुर क्षेत्र में मिट्टी का अवैध खनन जारी है। दिन रात अवैध खनन होने की पुलिस और प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लग सका है। शाम होते ही जंगल …
कानपुर। प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश में मिट्टी खनन पर सख्ती से अंकुश लगाने की बात कर रही है। लेकिन महराजपुर क्षेत्र में मिट्टी का अवैध खनन जारी है। दिन रात अवैध खनन होने की पुलिस और प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लग सका है। शाम होते ही जंगल में जेसीबी और ट्रैक्टर डम्पर पहुंच जाते हैं।
रात भर सैकड़ों ट्राली मिट्टी खनन कर सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। जंगल और खेतों में हो रहे अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों ने मिट्टी की उर्रवरा शक्ति कम होनी की बात कही है। महराजपुर थाना प्रभारी सतीश राठौर ने बताया कि कहीं पर यह खनन चल रहा था जहां से यह डंपर मिट्टी लेकर आ रहा था हमने देर रात्रि चेकिंग दौरान छतमरा चौराहे पर पाली की और से आ रहें मिट्टी से लदे डंपर को पकड़ा।
मामले की जांच जारी
वही जब उपजिलाअधिकारी अमित ओमार से दूरभाष से बात करने पर उनको अवैध खनन के बारे में अवगत कराया तो उन्होंने साफ तौर पर यह मामला संज्ञान में ना होना बताया।
एक साथ चार अजगर निकलने से ग्रामीणों में दहशत
जानकारी के अनुसार कानपुर के ककवन विकास खंड के मनावा गांव निवासी कन्हैया सोमवार सुबह सफाई करने के उद्देश्य से अपने खेत पर गया था। उसने खेत में एक साथ चार अजगर को देख आसपास के खेतों में मौजूद किसानों को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने वन विभाग दरोगा ताहिर खान को फोन कॉल कर मामले की जानकारी दी। सूचना पर पहुंचे वन्य कर्मी अजगरों को देखने के बाद यह कहते हुए वापस चले गए की वन के जीव वन में ही रहेंगे और कहां जाएंगे। जहां एक ओर ग्रामीण वन्यकर्मियों के रवैए से आक्रोशित हैं वहीं दूसरी तरफ खेतों में अजगर सांपों की मौजूदगी से ग्रामीणों में भय व्याप्त है।
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