देवरिया: सूर्य प्रताप शाही खिलाफ ब्रह्मा शंकर लड़ ठोक सकते हैं चुनाव

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देवरिया। समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर तिवारी के आगामी विधानसभा चुनाव में पथरदेवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के ऐलान से रोचक मुकाबले का अनुमान लगाया जा रहा है। सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पथरदेवा के विधायक हैं। उन्होंने 2017 के चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी …

देवरिया। समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर तिवारी के आगामी विधानसभा चुनाव में पथरदेवा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के ऐलान से रोचक मुकाबले का अनुमान लगाया जा रहा है। सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पथरदेवा के विधायक हैं। उन्होंने 2017 के चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी व पूर्व मंत्री शाकिर अली को 42997 मतों से पराजित किया था हालांकि इससे पहले शाही ने 2002 से 2017 के बीच इस सीट पर हार की हैट्रिक बनायी थी। शाही की पहचान भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में होती है।

1989 में राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय निभाने वाले शाही ने पहली बार 1985 में कांग्रेस का वर्चस्व तोड़ कर इस सीट पर कब्जा किया था जबकि 1997 से 2002 तक वह प्रदेश में आबकारी मंत्री की हैसियत से रहे। उम्मीद जतायी जा रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह एक बार फिर पथरदेवा से भाजपा उम्मीदवार बने। क्षेत्र में लोकप्रिय शाही के बारे में लोगो का कहना है कि उन्होने अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने का काम किया है। इसके साथ ही स्कूलों का कायाकल्प और क्षेत्र वासियों के लिये स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने का काम किया है।

ब्रह्मा शंकर तिवारी और शाही दोनों दिग्गज नेता हैं। ब्रह्मा शंकर के समर्थकों का मानना है कि पथरदेवा विधानसभा में जो विकास होना चाहिए था,वह नहीं हो सका है। राजनीति विश्लेषक ब्रह्मा शंकर के आने से आगामी चुनाव में शाही को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद जता रहे हैं। क्षेत्र में फिलहाल बसपा और कांग्रेस तनिक भी सक्रिय नहीं दिखायी दे रही है जिसके चलते मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच होना तय माना जा रहा है।

विश्लेषकों का मानना है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में अगर सीधी लड़ाई भाजपा और सपा में होती है,तो इसका फायदा यहां ब्रह्मा शंकर तिवारी को मिल सकता है क्योंकि बसपा के कमजोर होने से बसपा के पुश्तैनी वोट तथा अल्पसंख्यकों के वोटों का फायदा ब्रह्मा शंकर उठा सकते हैं।

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