मुरादाबाद : जनता की खिदमत के लिए राजनीति में उतरे थे हाफिज

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सलमान खान/मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद की जनता के चहेते नेता कहे जाने वाले हाफिज मोहम्मद सिद्दीक ने जनता की खिदमत के लिए ही राजनीति में कदम रखा था। लोग उनकी सादगी के दिवाने थे। वह दिन-रात जनता की सेवा के लिए तत्पर रहते थे। गांधी परिवार से नजदीकियों के चलते उनके घर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा …

सलमान खान/मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद की जनता के चहेते नेता कहे जाने वाले हाफिज मोहम्मद सिद्दीक ने जनता की खिदमत के लिए ही राजनीति में कदम रखा था। लोग उनकी सादगी के दिवाने थे। वह दिन-रात जनता की सेवा के लिए तत्पर रहते थे। गांधी परिवार से नजदीकियों के चलते उनके घर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व राजीव गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता अक्सर आते रहते थे। उन्होंने जिन लोगों की मदद की, उसे कभी सार्वजनिक नहीं किया। इसलिए आज भी लोग उनको याद करते हैं।

शहर के मोहल्ला लालबाग के रहने वाले हाफिज मोहम्मद सिद्दीक 1980 में नगर विधानसभा सीट से जतना की मांग पर चुनाव लड़े और अच्छे वोटों से जीत गए। विधायक बनने पर उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया था। विधायक से मंत्री बने हाफिज सिद्दीक हमेशा सादगी से रहते थे। उन्हें जो विधायक का वेतन मिलता था, उसे भी वह जनता की सेवा में लगाते थे। उन्होंने राजनीति में आने से पहले शहर मुस्लिम डिग्री व मुस्लिम गर्ल्स इंटर कालेज की नींव रखी।

उनकी एक खासियत थी कि वह किसी की मदद खुलेआम नहीं करते थे। वो किसी मदद करते थे तो बड़ी खामोशी से करते थे। शहर के सैंकड़ों गरीब लोग उनके पास मदद के लिए आते थे। यही वजह रही कि हाफिज सिद्दीक जनता के चहेते नेताओं में शुमार हो गए। सन 1984 में कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ाया। अपनी लोकप्रियता के चलते हाफिज सिद्दीक यह चुनाव भी जीत गए। विधायक से मंत्री और सांसद रहे हाफिज सिद्दीक ने पांचों वक्त की नमाज पढ़ते थे।

उम्र ज्यादा होने के कारण उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली। लेकिन, उन्होंने जनता की खिदमत करना बंद नहीं की। जब वह बीमारियों से घिरे तब भी वह लोगों की मदद करते थे। फिर अचानक 13 मार्च 2012 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन, उनकी मदद का यह सिलसिला आज भी उनके परिवार के लोग बखूबी निभा रहे हैं।

अतीत के झरोखे से
राजनीति में आने से पहले की थी मुस्लिम डिग्री व गर्ल्स इंटर कालेज की शुरुआत

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