जगदीप का गरीबी में बीता बचपन, जानिए कैसे बने बॉलीवुड के कॉमेडी किंग

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

Death Anniversary in Jagdeep : अभिनेता जगदीप का निधन आज ही के दिन 09 जनवरी साल 2020 में हुआ था। साल 1975 में अभिनेता जगदीप ने रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘शोले’ में सूरमा भोपाली का किरदार निभाया था। बस यहीं से सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी, जगदीप से सूरमा भोपाली बन गए। उनका …

Death Anniversary in Jagdeep : अभिनेता जगदीप का निधन आज ही के दिन 09 जनवरी साल 2020 में हुआ था। साल 1975 में अभिनेता जगदीप ने रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘शोले’ में सूरमा भोपाली का किरदार निभाया था। बस यहीं से सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी, जगदीप से सूरमा भोपाली बन गए। उनका ये किरदार और उनका जगदीप से सूरमा भोपाली बनने का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है। तो आइये जानते है अभिनेता से जुड़ी कुछ बातें, कैसे उन्होंने बुलंदियों को छुआ…

How Soorma Bhopali was born - Rediff.com movies

मध्यप्रदेश के दतिया में जन्में जगदीप उर्फ सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी ने बचपन के दिनों में गरीबी काफी करीब से देखी थी। जगदीप महज आठ साल के थे तभी पिता का निधन हो गया। भारत-पाक बंटवारे के बाद जगदीप अपनी मां के साथ ग्वालियर से मुंबई आ गये। कहा जाता है कि जगदीप की मां यतीम खाने में खाना बनाने का काम करती थीं, जिससे वह अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा सके और उसे पाल सके। एक दिन जगदीप ने निर्णय लिया कि उन्हें परिवार की मदद के लिये कुछ काम करना चाहिये। हालांकि, मां ने जगदीप को काम करने से मना किया। लेकिन, वह नहीं माने। जगदीप पढ़ाई छोड़कर पतंगें बनाने लगे, साबुन और कंघी बेचने का काम करने लगे।

मशहूर फिल्म शोले मे सुरमा भोपाली का किरदार निभाने वाले Jagdeep नहीं रहे, कैंसर से मृत्यु

जगदीप जहां सड़क पर काम किया करते थे। वहां एक आदमी आया और वह वैसे बच्चों को ढूंढ रहा था जो फिल्म में काम कर सके। उस शख्स ने जगदीप से फिल्मों में काम के बारे में पूछा कि क्या तुम काम करोगे। जगदीप ने उस शख्स से पूछा कि ये फिल्में क्या होती हैं। जगदीप ने उस समय तक फिल्में नहीं देखी थी। जगदीप ने उस शख्स से पैसे की बात की। उन्हें इस काम के लिए कितने मिलेंगे। जिसपर जवाब आया तीन रुपये। जगदीप को महसूस हुआ कि जैसे उनकी लॉटरी लग गयी है। जगदीप तुरंत फिल्मों में काम के लिए तैयार हो गए।

 

अगले दिन जगदीप की मां उन्हें लेकर स्टूडियो पहुंच गईं, जहां बच्चों का ही सीन चल रहा था। हालांकि, उस वक्त जगदीप को केवल चुपचाप बैठने वाला रोल मिला था, लेकिन तभी उर्दू में एक ऐसा डायलॉग आया, जिसे कोई बच्चा बोल नहीं पा रहा था। जगदीप ने किसी बच्चे से पूछा कि यदि यह डायलॉग मैंने बोल दिया तो क्या होगा, जवाब आया, पैसे ज्यादा मिलेंगे छह रुपये। जगदीप ने सामने जाकर यह डायलॉग बड़ी ही खूबसूरती से बोल दिया और फिर यहीं से शुरू हुआ उनकी चाइल्ड आर्टिस्ट का सफर। यह फिल्म थी वर्ष 1951 में प्रदर्शित बी. आर. चोपड़ा की ‘अफसाना’। इसके बाद जगदीप ने सफलता की बुलंदियों को छुआ और एक से बढ़कर एक फिल्मों में अपने लाजवाब कॉमिक अभिनय से दर्शकों को दिल जीता। 1975 में आई शोले में निभाए गए सूरमा भोपाली के किरदार ने उन्हें बॉलीवुड में मशहूर किया था।

everything know about Jagdeep personal life: सड़कों पर कटती थी जगदीप की जिंदगी, दर्द भरा था बचपन - Navbharat Times

मां से मिली सिख
जगदीप ने एक इंटरव्यू में अपनी मां के द्वारा कहे गए शेर का जिक्र किया था और बताया था कि कैसे मां के शेर ने उन्हें कभी हारने नहीं दिया। जगदीप ने कहा था कि मैंने जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है। मेरी मां ने मुझे समझाया था। एक बार बॉम्बे में बहुत तेज तूफान आया था। सब खंभे गिर गए थे। हमें अंधेरी से जाना था। उस तूफान में हम चले जा रहे थे। एक टीन का पतरा आकर गिरा और मेरी मां के पैर में चोट लगी। बहुत खून निकल रहा था। ये देख मैं रोने लगा, तो मेरी मां ने तुरंत अपनी साड़ी फाड़ी और उसे बांध दिया। तूफान चल रहा था, तो मैंने कहा कि यहीं रुक जाते हैं, ऐसे में कहां जाएंगे, तो उन्होंने एक शेर पढ़ा था। मां ने कहा था, वो मंजिल क्या जो आसानी से तय हो वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाये। पूरी जिंदगी मुझे ये ही शेर समझ में आता रहा कि वो राह ही क्या जो थककर बैठ जाए तो अपने एक-एक कदम को एक मंजिल समझ लेना चाहिए। छलांग नहीं लगानी चाहिए, गिर जाओगे।

Thank you for laughter and smiles'; Bollywood remembers Jagdeep

जावेद अख्तर से सीखी थी भोपाली भाषा
फिल्म ‘शोले’ में निभाये किरदार ‘सूरमा भोपाली’ के जरिये खास पहचान बनाने वाले हास्य अभिनेता जगदीप ने भोपाली भाषा सुप्रसिद्ध गीतकार-शायर जावेद अख्तर से सीखी थी। वर्ष 1975 में प्रदर्शित रमेश सिप्पी निर्देशित फिल्म ‘शोले’ में जगदीप ने ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार निभाया, जो उनकी पहचान बन गया। फिल्म ‘शोले’ में जगदीप का बोला गया संवाद ‘हमारा नाम सुरमा भोपाली ऐसई नई हे’ काफी मशहूर हुआ। आज भी फैन्स के बीच जगदीप सूरमा भोपाली के नाम से मशहूर हैं। इस किरदार की कहानी भी बड़ी रोचक है।

संबंधित समाचार