रामपुर : सादगी की मिसाल रहे शाहबाद से पांच बार जीते विधायक बंशीधर

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

सुहेल जैदी/रामपुर,अमृत विचार। शाहबाद विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे बंशीधर सादगी की मिसाल थे। उन्होंने पहला चुनाव वर्ष 1967 में स्वतंत्र पार्टी से लड़ा और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने जीवन में सात विधान सभा चुनाव लड़े, जिनमें पांच चुनाव जीते और दो हार गए। विधायक होते हुए भी वह हमेशा …

सुहेल जैदी/रामपुर,अमृत विचार। शाहबाद विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे बंशीधर सादगी की मिसाल थे। उन्होंने पहला चुनाव वर्ष 1967 में स्वतंत्र पार्टी से लड़ा और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने जीवन में सात विधान सभा चुनाव लड़े, जिनमें पांच चुनाव जीते और दो हार गए। विधायक होते हुए भी वह हमेशा चिरंजी लाल के रिक्शा से ही रामपुर के मोहल्ला खारी कुआं स्थित अपने आवास पर आते-जाते रहे।

हालांकि, उनके पास एक जीप भी थी, जिसका इस्तेमाल बहुत जरूरी कामों के लिए करते थे। उस समय रामगंगा नदी पर पुल नहीं बना था। इसके बावजूद उनका सफर निजी बस के माध्यम से रहता था। उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं। विधायक बंशीधर का संपूर्ण राजनैतिक जीवन सादगीपूर्ण रहा। जनता को उनकी यही अदा पसंद थी।

वह रामपुर में हमेशा रिक्शा से ही कहीं भी आते-जाते थे। दूर के सफर के लिए जीप का इस्तेमाल होता था। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और उनके पुत्र चंद्रपाल सिंह बताते हैं कि खारी कुआं पर सरकार द्वारा अलॉट किया गया मकान था। उनका एक लगा-बंधा रिक्शा चालक था चिरंजी लाल। उसके ही रिक्शा में वह कहीं भी आते-जाते थे। वर्ष 1967 से शुरू हुए राजनीतिक सफर के दौरान सात चुनाव लड़े। पांच चुनाव जीते और दो हार गए। रेलवे स्टेशन पर अकेले ट्रेन से उतरते और रिक्शा से अपने घर तक जाते थे। लोगों को रास्ते में खुद दुआ-सलाम करते चलते थे। वर्ष 1989 में चुनाव जीतकर जनता के चहेते विधायक ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

शाहबाद में रामगंगा नदी पर कराया पुल का निर्माण
शाहबाद से रामपुर को जोड़ने के लिए रामगंगा नदी पर पुल नहीं था। नदी के बीच में पटरों के अस्थाई पुल से बसों की आवाजाही होती थी। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह बताते हैं कि नारायण दत्त तिवारी केंद्र में मंत्री थे और अकबर अली गर्वनर। तब बंशीधर ने रामगंगा पर काफी लंबा पुल बनवाया। इससे पहले उन्होंने हेलीकाप्टर से पूरे क्षेत्र का केंद्रीय मंत्री नारायण तिवारी और गर्वनर को सर्वे कराया।

इसके बाद गर्वनर ने सप्लीमेंट्री बजट में पुल को पास किया। यह ऐसा पुल है, जिसका आज तक उदघाटन नहीं हुआ है। बताते हैं कि उस वक्त के सांसद नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां ने पुल का उद्घाटन नहीं होने दिया। हमेशा कहते रहे कि अभी कार्य चल रहा है। इसके अलावा शाहबाद वाया आंवला रामनगर जैन मंदिर तक पक्की सड़क का निर्माण और रामपुर से पटवाई तक पक्की सड़क बनवाई।

संबंधित समाचार