हल्द्वानी: जमरानी बांध स्थल का निरीक्षण करने पहुंची स्विट्जरलैंड से टीम
हल्द्वानी, अमृत विचार। जमरानी परियोजना की स्वीकृति से पूर्व एडीबी की स्विट्जरलैंड से आई एक्सपर्ट की तीन सदस्यीय टीम ने सोमवार को बांध स्थल का निरीक्षण किया। टीम ने बांध स्थल व पावर हाउस स्थल, डाउनस्ट्रीम व अपरस्ट्रीम कॉफर डैम के अलावा गेज व डिस्चार्ज साइट की गहनता से जांच की। टीम में शामिल आरसी …
हल्द्वानी, अमृत विचार। जमरानी परियोजना की स्वीकृति से पूर्व एडीबी की स्विट्जरलैंड से आई एक्सपर्ट की तीन सदस्यीय टीम ने सोमवार को बांध स्थल का निरीक्षण किया। टीम ने बांध स्थल व पावर हाउस स्थल, डाउनस्ट्रीम व अपरस्ट्रीम कॉफर डैम के अलावा गेज व डिस्चार्ज साइट की गहनता से जांच की।
टीम में शामिल आरसी बांध विशेषज्ञ क्विंटिन, जल विज्ञान विशेषज्ञ फिलिक्स व जियोलोजिस्ट सिल्वियू ने नदी के दायें पार्श्व पर बनी चारों ड्रिफ्टों के अन्दर जाकर निरीक्षण किया। बांध स्थल से लौटने के बाद पीओई टीम बाराझाला फील्ड पर रूकी। यहां परियोजना संबंधी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। यहां से टीम काठगोदाम स्थित शीतलाहाट फिलट्रेशन प्लांट पर पहुंची।
जहां पर पेयजल निगम व जल संस्थान के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी। वाटर फिलट्रेशन के पश्चात टीम काठगोदाम में स्थित गौला बैराज पहुंची। यहां सिंचाई खंड हल्द्वानी के अधिकारियों ने उनको बैराज के संबंध में जानकारी दी। पीओई टीम ने काठगोदाम बैराज से छोड़े जाने वाले जल वितरण प्रणाली व उसके अन्य घटकों की जानकारी ली।
गौला बैराज से निकलने के पश्चात टीम शीशमहल में स्थित जल फिलट्रेशन प्लाट पर पहुंची। यहां पर जल संस्थान व पेयजल निगम के अधिकारियों ने टीम को पुनः पेयजल के लिए पानी की फिलट्रेशन व वितरण की जानकारी दी। उन्होंने पनचक्की के पास बने ट्यूबवेल को भी देखा।
टीम के साथ जमरानी प्रोजेक्ट के उप महाप्रबंधक मो. जावेद अनवर, ललित कुमार, बीबी पांडे, परियोजना प्रबंधक संजय कुमार सिंह, पंकज ढौढियाल, प्रतिभा शंकर संत, हिमांश पंत, अजय पंत, सहायक परियोजना प्रबंधक शाह नवाज, सिद्धार्थ पुष्कर, पेयजल निगम के एके कटारिया, ममता तिवारी, सिंचाई विभाग के केएस बिष्ट, एनसी पांडेय, हाईड्रोलॉजिस्ट एके गोयल, जियोलॉजिस्ट एनके माथुर, डिजाइनर एचके साहू आदि मौजूद रहे।
अभी कई दिन तक टीम के सदस्य विभिन्न बिंदुओं पर जमरानी प्रोजेक्ट का सर्वे करेंगे। विशेषज्ञों की टीम द्वारा जो सुझाव दिए जाएंगे उन्हें शामिल कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
-प्रशांत विश्नोई, महाप्रबंधक, जमरानी प्रोजेक्ट
