सीतापुर: रेउसा के सरकारी अस्पताल में नहीं है एंटी रेबीज, यहां-वहां भटक रहे मरीज

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सीतापुर। गांजरी क्षेत्र की 98 ग्राम पंचायतों के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वयं बीमार है। स्वास्थ्य केन्द्र में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। दूरदराज गांवों से आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। दूरदराज से आने वाले मरीज अस्पताल में इधर-उधर …

सीतापुर। गांजरी क्षेत्र की 98 ग्राम पंचायतों के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वयं बीमार है। स्वास्थ्य केन्द्र में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। दूरदराज गांवों से आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। दूरदराज से आने वाले मरीज अस्पताल में इधर-उधर भटकते हुए देखे जा सकते हैं।

गांजरी क्षेत्र होने के चलते यहां के नागरिक आये दिन जंगली जानवरों व पागल कुत्तों का शिकार होते रहते हैं। जिसके लिए समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ऐंटी रैबीज इंजेक्शन की अनुपलब्धता उनके बेहतर इलाज में बाधक बनी रहती है। बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर करीब 20 दिनों से एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

आने वाले मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। गरीब मरीज बाहर से वैक्सीन खरीदने में असमर्थ हैं, उन्हें वैक्सीन बाहर से खरीद कर लगवाने के लिए धन की व्यवस्था करने में समय व्यतीत हो जाता है। वह असमय काल के गाल में समाहित हो जाते हैं।

क्षेत्र के लौकी नेवादा निवासी 60 वर्षीय रामावती सियार के हमले से घायल स्वास्थ्य केन्द्र में दो सप्ताह से वैक्सीन लगवाने के लिए दौड़ रही हैं। वहीं चेनी गांव निवासी आमिर और शरीफ भी सियार के हमले से घायल होने के चलते वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पताल में भटक रहे हैं। ग्राम औंरा निवासी श्यामलाल को कुत्ते ने काट लिया है और उन्हें भी वैक्सीन की दरकार है।

कटरा थानगांव निवासी सालिक राम भी सियार के हमले से जख्मी है, सीएचसी रेउसा में वैक्सीन के लिए चक्कर लगा रहे हैं। अस्पताल पहुंचे मरीजों को प्राथमिक उपचार देना दूर की बात रही सीधे मरीजों को मना कर दिया गया है कि ऐंटी रैबीज वैक्सीन यहां पर उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि ऐंटी रेबीज वैक्सीन आने पर मरीजों को लगाई जाएगी।

मर्ज कोई भी हो, सबकी दवा एक जैसी

सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं अभी भी रामभरोसे हैं। मर्ज कोई भी हो, लेकिन सबकी दवा एक जैसी है। जानकारों की माने तो दूरदराज गांव से आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पैरासिटामोल, कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड, ओमेप्राजोल, क्लोरोफिल नामक दवाएं दी जा रही हैं। हर मर्ज के इलाज के लिए मरीजों को यही दवाएं दी जा रही हैं। ड्रेसिंग रूम में भी गंदगी का साम्राज्य व्याप्त है। सर्जिकल उपकरण खुले में पड़े रहते हैं। जिसके चलते मरीजों के साथ खिलवाड़ की जा रही है।

क्या कहते हैं सीएचसी अधीक्षक

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अधीक्षक डॉ अनूप कुमार पांडेय का अस्पताल की अव्यवस्थओं को लेकर अलग ही तर्क है। उन्होंने बताया कि ऐंटी रैबीज वैक्सीन के लिए डिमांड लगाई गई है। जिला स्तर से उपलब्ध कराए जाने पर ही मरीजों को वैक्सीन लगाई जाएगी। साथ ही मरीजों को चिकित्सकों के परामर्श अनुसार समुचित दवाएं दी जा रही हैं। शेष जो अव्यवस्था हैं, उसमें सुधार किया जा रहा है। मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

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