हल्द्वानी: पांच लाख की आबादी वाली हल्द्वानी में 3.75 लाख लोगों को ही मिल पा रहा पानी

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

हल्द्वानी, अमृत विचार। हल्द्वानी के लोगों को पर्याप्त पानी देने के लिए हर साल जल संस्थान सिर्फ कोशिशें करता है। कमियां गिनाता हैं और बेबसी जताता है। लेकिन नतीजा यह है कि पांच लाख की आबादी में यह विभाग मात्र 3.75 लाख लोगों के हिसाब से ही पानी सप्लाई कर पाता है। तीन संसाधनों के …

हल्द्वानी, अमृत विचार। हल्द्वानी के लोगों को पर्याप्त पानी देने के लिए हर साल जल संस्थान सिर्फ कोशिशें करता है। कमियां गिनाता हैं और बेबसी जताता है। लेकिन नतीजा यह है कि पांच लाख की आबादी में यह विभाग मात्र 3.75 लाख लोगों के हिसाब से ही पानी सप्लाई कर पाता है।

तीन संसाधनों के माध्यम से भी आपूर्ति को सौ फीसदी तक लाना विभाग के लिए चुनौती साबित होता है और इसी वजह से गर्मी आते ही हल्द्वानी, पानी-पानी करती है। हल्द्वानी शहरी और ग्रामीण इलाकों में करीब 50 वर्ष पुरानी सीमेंट और पीवीसी यानी प्लास्टिक की लाइनों से पानी की सप्लाई की जा रही है। ये लाइनें इतनी जर्जर हालत में हैं कि इनमें से कई आए दिन क्षतिग्रस्त होती रहती हैं। यही नहीं इन लाइनों में कई जगहों पर लीकेज की भी समस्या है।

इसके अलावा ओवर हेड टैंक की कमी और ऊंचे नीचे स्थानों पर आवास होने से भी पानी की सप्लाई पर असर पड़ता है। इन सभी समस्याओं पर कई बार मंथन भी हो चुका है। समाधान निकालते हुए योजनाओं के माध्यम से समस्या हल करने के दावे भी किए जाते हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी प्रतिदिन सप्लाई का जो मानक सरकार ने तय किया था, जल संस्थान आज तक उसके सापेक्ष पानी सप्लाई नहीं कर सका है।

जल संस्थान की यह है व्यवस्था
अनुमानित पांच लाख की आबादी
77 हजार कनेक्शन हैं
87 नलकूप से आता है पानी
37 ओवर हेड टैंकों में स्टोर होता है
90 एमएलडी पानी की है आवश्यकता
73 एमएलडी पानी ही मिल पाता है (32 एमएलडी गौला बैराज, 38 एमएलडी नलकूपों से व 03 एमएलडी शीतलाहाट पेयजल योजना से)

सबसे ज्यादा समस्या दमुवाढूंगा में
दमुवाढूंगा में पानी की सप्लाई को लेकर अक्सर समस्या रहती है। गर्मी के दिनों में तो इस क्षेत्र के लोग त्राहिमाम करते हैं। यहां स्थिति यह है कि अधिकांश घरों तक पानी की पाइपलाइन से तो सप्लाई प्रभावित रहती ही है, साथ ही वहां टैंकर तक पहुंचने में अड़चन आती है। दरअसल दमुवाढूंगा क्षेत्र में ऊंची-नीची जमीन पर बने आवासों और संकरी गलियों के कारण यह समस्या रहती है। विभागीय अधिकारी कहते हैं कि वहां एक और नलकूप की आवश्यकता है, लेकिन आज तक वह आवश्यकता पूरी नहीं की जा सकी।

चार क्षेत्र ऐसे भी, जहां पहले ग्राउंड टैंक और फिर भरा जाता है ओवर हेड टैंक
शहर में चार क्षेत्र ऐसे हैं जहां दो बार पंपिंग होती है। पहले ग्राउंड टैंक में पानी भरा जाता है और फिर उसके बाद उस स्टोर किये गये पानी को ओवर हेड टैंक तक पहुंचाया जाता है। इस समस्या के कारण अक्सर नलकूप पर भार ज्यादा पड़ता है और उसके खराब होने की समस्याएं आती रहती है। विभाग के अनुसार यह स्थिति सुयाल कॉलोनी, गणपति विहार, जोशी कॉलोनी और दमुवाढूंगा में है।

टैंकरों पर ही निर्भर हैं ये क्षेत्र
दमुवाढूंगा, गणपति विहार, साईं मंदिर, भरतपुर, नंदपुर, टेंपो स्टैंड, मल्ला, जेडीएस, प्रेस वाली गली, जोशी कॉलोनी, सुयाल कॉलोनी, पीपल पोखरा आदि।

जमरानी बांध योजना से ही हल्द्वानी में पानी की समस्या को पूरी तरह से हल करना संभव है। जो मानक हैं, उसके सापेक्ष पानी की सप्लाई का प्रयास करते हैं। जहां पानी नहीं पहुंच पाता है वहां टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाते हैं। – एसके श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान

संबंधित समाचार